उत्तर प्रदेश के कानपुर में 4 सितंबर को लगाए गए “I Love मोहम्मद” पोस्टर ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। हिंदू संगठनों ने इसका विरोध करते हुए इसे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला बताया। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने कई मुस्लिम युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत जताना उनकी आस्था का हिस्सा है और इस पर केस दर्ज करना असंवैधानिक है। उनका कहना है कि संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म और विश्वास के पालन की स्वतंत्रता देता है। ईद मिलाद-उल-नबी जैसे मौके पर ऐसे पोस्टर लगाना परंपरागत तरीका है। मुस्लिम नेताओं ने चेतावनी दी कि सरकार को संविधान का पालन करना चाहिए, नहीं तो हालात बिगड़ सकते हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि विवाद से बचने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 4 सितंबर को लगाए गए “I Love मोहम्मद” पोस्टर ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। हिंदू संगठनों ने इसका विरोध करते हुए इसे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला बताया। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने कई मुस्लिम युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत जताना उनकी आस्था का हिस्सा है और इस पर केस दर्ज करना असंवैधानिक है। उनका कहना है कि संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म और विश्वास के पालन की स्वतंत्रता देता है। ईद मिलाद-उल-नबी जैसे मौके पर ऐसे पोस्टर लगाना परंपरागत तरीका है। मुस्लिम नेताओं ने चेतावनी दी कि सरकार को संविधान का पालन करना चाहिए, नहीं तो हालात बिगड़ सकते हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि विवाद से बचने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की गई है।