हैदराबाद: टी राजा सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में जबरदस्त गर्माहट ला दी है। इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा कि पार्टी में उनका दम घुट रहा था इसलिए उन्होंने राम राम कह दिया। इस दौरान उन्होंने भाजपा से अपनी नाराजगी के कारणों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं लगातार पार्टी को कहता रहा हूं कि तेलंगाना में भाजपा की सरकार बन सकती है। जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता पूरी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन जब प्रदेश अध्यक्ष तय करने की बात आती है, तो पार्टी को यह देखना चाहिए कि किस तरह के नेता को जिम्मेदारी दी जा रही है। इस दौरान टी राजा सिंह ने यह भी कहा कि तेलंगाना में अग्रेसिव प्रेसिडेंट की जरूरत है। यहां हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई वाली राजनीति नहीं चलती है। यहां सिर्फ और सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति चलती है। यहां जो भी हिदूओं की बात करता है राज्य की जनता उसे सर पर बिठाती है।
हैदराबाद: टी राजा सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में जबरदस्त गर्माहट ला दी है। इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा कि पार्टी में उनका दम घुट रहा था इसलिए उन्होंने राम राम कह दिया। इस दौरान उन्होंने भाजपा से अपनी नाराजगी के कारणों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं लगातार पार्टी को कहता रहा हूं कि तेलंगाना में भाजपा की सरकार बन सकती है। जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता पूरी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन जब प्रदेश अध्यक्ष तय करने की बात आती है, तो पार्टी को यह देखना चाहिए कि किस तरह के नेता को जिम्मेदारी दी जा रही है। इस दौरान टी राजा सिंह ने यह भी कहा कि तेलंगाना में अग्रेसिव प्रेसिडेंट की जरूरत है। यहां हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई वाली राजनीति नहीं चलती है। यहां सिर्फ और सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति चलती है। यहां जो भी हिदूओं की बात करता है राज्य की जनता उसे सर पर बिठाती है।