आजमगढ़ का ये वीडियो जिसने भी देखा, उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। चिलचिलाती धूप और गर्म फर्श पर रेंगते हुए एक दिव्यांग पति अपनी पत्नी को पीठ पर लाद कर डीएम ऑफिस पहुंचा था। ये वीडियो देखने के बाद हर किसी के मन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी ऑफिस में दिव्यांगों के लिए कोई स्पेशल रैंप नहीं है? इतना ही नहीं सरकारी अफसरों की असंवेदनशीलता देखकर लोगों में गुस्सा है। ये वीडियो वायरल होने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई प्रकार के कमेंट किए है, जिसमें इंसानियत के मरने और घमंड के जिंदा रहने की भी बात कही गई है। दरअसल, जहानागंज क्षेत्र के कुंजीगांव निवासी ये दिव्यांग पति अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा था। उसने वहां पहुंचकर घर तक जाने के लिए रास्ता दिलाने की गुहार से जुड़ा प्रार्थनापत्र राजस्व अधिकारी को सौंपा। कुंजीगांव निवासी अशोक का कहना है कि उनके घर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है और दिव्यांग होने के कारण उन दोनों पति पत्नी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आजमगढ़ का ये वीडियो जिसने भी देखा, उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। चिलचिलाती धूप और गर्म फर्श पर रेंगते हुए एक दिव्यांग पति अपनी पत्नी को पीठ पर लाद कर डीएम ऑफिस पहुंचा था। ये वीडियो देखने के बाद हर किसी के मन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी ऑफिस में दिव्यांगों के लिए कोई स्पेशल रैंप नहीं है? इतना ही नहीं सरकारी अफसरों की असंवेदनशीलता देखकर लोगों में गुस्सा है। ये वीडियो वायरल होने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई प्रकार के कमेंट किए है, जिसमें इंसानियत के मरने और घमंड के जिंदा रहने की भी बात कही गई है। दरअसल, जहानागंज क्षेत्र के कुंजीगांव निवासी ये दिव्यांग पति अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा था। उसने वहां पहुंचकर घर तक जाने के लिए रास्ता दिलाने की गुहार से जुड़ा प्रार्थनापत्र राजस्व अधिकारी को सौंपा। कुंजीगांव निवासी अशोक का कहना है कि उनके घर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है और दिव्यांग होने के कारण उन दोनों पति पत्नी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।






