उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के पोस्टर लगाए जाने जाने का विवाद तूल पकड़ रहा है। यह पोस्टर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास के आवास अवध प्वाइंट पर लगाया गया था। इसे लेकर मौलाना यासूब अब्बास और हिंदू नेता पवन सिन्हा में वाकयुद्ध शुरू हो गया है। मौलाना यासूब अब्बास ने खामेनेई के पोस्टर लगाने में किसी राजनीतिक स्टैंड से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वह हमारे धार्मिक नेता हैं। इसलिए यह पोस्टर लगाया गया है। इसका ईरान-इजराइल युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं हिंदू नेता पवन सिन्हा ने इसे निंदनीय बताया और कहा कि क्या यह बैनर उस समय लगाए गए थे जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ था, जब भारत के लोग और भारतीय सेना लड़ रही थी। तब इस तरह के बैनर लगाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के पोस्टर लगाए जाने जाने का विवाद तूल पकड़ रहा है। यह पोस्टर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास के आवास अवध प्वाइंट पर लगाया गया था। इसे लेकर मौलाना यासूब अब्बास और हिंदू नेता पवन सिन्हा में वाकयुद्ध शुरू हो गया है। मौलाना यासूब अब्बास ने खामेनेई के पोस्टर लगाने में किसी राजनीतिक स्टैंड से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वह हमारे धार्मिक नेता हैं। इसलिए यह पोस्टर लगाया गया है। इसका ईरान-इजराइल युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं हिंदू नेता पवन सिन्हा ने इसे निंदनीय बताया और कहा कि क्या यह बैनर उस समय लगाए गए थे जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ था, जब भारत के लोग और भारतीय सेना लड़ रही थी। तब इस तरह के बैनर लगाए गए हैं।