उत्तराखंड हिमस्खलन का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ पूरा, फोटो सोर्स - सोशल मीडिया
चमोली : उत्तराखंड के चमोली में हुई हिमपात आपदा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई है। लापता 4 लोगों को खोजने के लिए रविवार 02 मार्च की सुबह खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान पहले तीन और फिर एक व्यक्ति के शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की कुल संख्या 8 हो गई है। बता दें, शुक्रवार को बद्रीनाथ के पास माणा गांव में हिमस्खलन के कारण करीब 54 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे। एक अन्य मजदूर पहले ही घर जा चुका था, जिससे वह हिमस्खलन की चपेट में आने से बच गया।
दूसरी ओर, शनिवार तक कुल 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जिनमें से चार की इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं, आज अन्य 4 लोगों के शव बरामद होने के बाद मृतकों की कुल संख्या 8 हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, बचाव कार्य के लिए भारतीय वायुसेना के एमआई-17, चीता हेलीकॉप्टरों को लगाया गया था। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार, रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान के लिए ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को एयरलिफ्ट करने के लिए एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैयार था। जोशीमठ में डीएम चमोली संदीप तिवारी ने कहा, “बचाव अभियान आज सुबह 7 बजे शुरू हुआ। आज मौसम साफ है। सेना और वायुसेना के 7 हेलीकॉप्टर बचाव अभियान में लगे हुए हैं। हमने खोज और बचाव अभियान के लिए थर्मल इमेजिंग कैमरे, एनडीआरएफ के खोजी कुत्तों को माणा भेजा है। लापता लोगों को जल्द ही ढूंढ लिया जाएगा।”
उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर माणा में चल रहे बचाव कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को हिमस्खलन से प्रभावित बिजली, संचार और अन्य सुविधाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए।
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उन्होंने बताया कि लापता श्रमिकों की तलाश के लिए दिल्ली से ‘जीपीआर सिस्टम’ भी आने वाला है। जिलाधिकारी ने बताया कि सेना का हेलीकॉप्टर ‘एमआई 17’ ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) मौके पर पहुंचाने के लिए देहरादून में इंतजार कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे तलाशी अभियान में तेजी आएगी और लापता लोगों को आज ढूंढ लिया जाएगा। शुक्रवार को करीब 3200 मीटर की ऊंचाई पर भारत-चीन सीमा पर स्थित आखिरी गांव माणा में हिमस्खलन के कारण बीआरओ कैंप में आठ कंटेनरों में रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 श्रमिक बर्फ में फंस गए थे। पहले श्रमिकों की संख्या 55 बताई जा रही थी, लेकिन एक श्रमिक के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंचने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या घटकर 54 रह गई है।
एजेंसी इनपुट के साथ।