केदारनाथ में साल 2013 में आयी थी बाढ़ (सोर्स: सोशल मीडिया)
Kedarnath Disaster: साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा को कौन भूल सकता है। इस आपदा में हजारों लोगों ने अपनों को खोया था। केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों की पहचान 12 साल बाद भी रहस्य बनी हुई है, लेकिन सबसे बड़ा रहस्य उन 702 लोगों की पहचान है जिनके डीएनए सैंपल की रिपोर्ट पुलिस के पास है। आपदा में लापता हुए अपनों की पहचान के लिए 6000 से ज़्यादा लोगों ने लैब में अपने डीएनए सैंपल दिए थे। इनमें से भी इन 702 लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। ऐसे में अपनों के लिए इन डीएनए सैंपल का इंतज़ार बढ़ता ही जा रहा है।
केदारनाथ में 2013 में आई आपदा में लापता हुए लोगों के कंकालों की खोज इस साल फिर से शुरू हो सकती है। उस आपदा में लापता हुए 3075 लोगों का आज तक पता नहीं चल पाया है। इसके लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी।
याचिका में उत्तराखंड सरकार से केदारनाथ आपदा में लापता लोगों के कंकालों की खोज कर उनका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने की अपील की गई थी। सरकार अब तक चार बार टीमें भेज चुकी है।
केदारनाथ (सोर्स: सोशल मीडिया)
खोजी दल ने साल 2020 में चट्टी और गोमुखी क्षेत्र में 703 कंकाल बरामद किए। वहीं 2014 में 21 ताे 2016 में 9 कंकाल बरामद हुए थे। नवंबर 2024 में 10 टीमें विभिन्न पगडंडियों पर खोज में निकलीं, लेकिन उन्हें भी सफलता हासिल नहीं हुई। वहीं पहले बरामद कंकालों की डीएनए जांच के जरिए उनके परिजनों का पता लगाया जा रहा है।
ऐसे में इस साल एक बार फिर से खोजी दल भेजने की तैयारी की जा रही है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के बताया कि राज्य सरकार इस वर्ष भी एक खोजी दल भेजने की तैयारी में है। हम उच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंपने जा रहे हैं।
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 2016 और फिर 2019 में राज्य को 3075 लापता लोगों के अवशेषों की खोज और उनका अंतिम संस्कार करने का निर्देश दिया था। आदेश के बाद, सरकार द्वारा केदारनाथ के आसपास के पैदल मार्गों पर खोजी दल भेजे गए थे।
702 मृतक अपनों की तलाश में हैं केदारनाथ आपदा में मारे गए 702 लोगों की आज तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस के पास इन मृतकों के डीएनए नमूनों की रिपोर्ट है। लेकिन आज तक इन मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। क्योंकि इनका डीएनए देने वाले 6 हज़ार लोगों में से किसी से भी मिलान नहीं हो पाया है। इसलिए, अब तक 702 लोग अपनी पहचान का इंतज़ार कर रहे हैं।