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Uttarkashi Rescue Operation: उत्तरकाशी में अचानक से आई भारी बारिश के कारण मलबा रिहायशी इलाकों में घुस गया। एक मकान तो पूरी तरह से मलबे में दब गया जबकि कई अन्य घरों और दुकानों में पानी भर गया। कई गाड़ियां पानी और मलबे के साथ बह गईं। इनमें दोपहिया वाहन, मिक्चर मशीन और एक कार शामिल है।
बारिश के बाद हालात इतने खराब हो गए कि लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा। मौके पर प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। इस आपदा के चलते दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे को बंद करना पड़ा, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
ज़िलाधिकारी प्रशांत आर्या ने बताया कि स्योरी फल पट्टी क्षेत्र में भारी बारिश के बाद देवलसारी गधेरे में आई बाढ़ ने निचले इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया। नौगांव में पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि सड़कों पर खड़े वाहन तक बह गए। इस क्षेत्र में SDRF की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है ताकि किसी भी फंसे हुए व्यक्ति को समय रहते बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी से संपर्क कर राहत और बचाव कार्यों को तेजी से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और कोई भी मदद देर न हो।
इस बीच केंद्र सरकार की सात सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी टीम 8 सितंबर को उत्तराखंड का दौरा करेगी। यह टीम आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन करेगी और “पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट” की प्रक्रिया शुरू करेगी। टीम देहरादून में राज्य के अधिकारियों से मुलाकात भी करेगी।
राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस वर्ष मानसून में अब तक 574 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 2010 के बाद सबसे अधिक है। इस बारिश ने राज्य में बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि पहुंचाई है। सरकार ने केंद्र से आपदा राहत के लिए 5702.15 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की है।
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इसी के तहत मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में 13 आधुनिक लॉन्ग रेंज सायरनों का उद्घाटन भी किया। इन सायरनों की रेंज 8 से 16 किलोमीटर तक है, जो आपदा के समय लोगों को समय रहते सतर्क करने में मदद करेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सायरनों का समय-समय पर परीक्षण किया जाए और जनता को इनके उपयोग के बारे में जागरूक किया जाए।