दिनेश खटीक (सोर्स- सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उर्दू और कट्टरवाद पर हाल ही में दिए गए बयान से प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का भी सियासी पारा चढ़ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर हैदराबाद के एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, अब उनकी प्रतिक्रिया पर पलटवार शुरू हो चुका है।
सांसद असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया पर यूपी के जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक जमकर भड़के। उन्होंने एआईएमआईएम सांसद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान पागलपन और उम्र का तकाजा है। दिनेश खटीक ने कहा कि देश में उर्दू पढ़कर न तो आईएएस-पीसीएस बनते हैं और न ही डॉक्टर आतंकवादी और जिहादी बनते हैं।
योगी सरकार में राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि ओवैसी मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। अगर वह उत्तर प्रदेश में आकर यह बयान दें तो चांद-तारे नजर आ जाएंगे।” उन्होंने सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर वह यूपी में आएं तो यहां की कानून व्यवस्था का पता चल जाएगा।”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उर्दू भाषा वाले बयान पर पलटवार किया है। असदुद्दीन ओवैसी ने शायराना अंदाज में सीएम योगी को जवाब देते हुए कहा कि उर्दू किसी एक धर्म की नहीं, बल्कि पूरे देश की भाषा है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएम योगी के मुताबिक उर्दू पढ़ना कट्टरपंथियों की तरह मौलाना बनने जैसा है। इससे साफ है कि उन्हें उर्दू भाषा का ज्ञान नहीं है, लेकिन वह खुद वैज्ञानिक क्यों नहीं बने। इसका जवाब तो वही दे सकते हैं। उन्होंने गोरखपुर के मशहूर उर्दू शायर रघुपति सहाय ‘फिराक’ का जिक्र करते हुए कहा कि वह मुसलमान नहीं थे, फिर भी वह उर्दू के बेहतरीन शायर थे। आज आप बकवास बोल रहे हैं, बोलते रहिए।
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हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उर्दू उत्तर प्रदेश की संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का हवाला देते हुए कहा कि संसद में दिए जाने वाले भाषणों का भी उर्दू में अनुवाद होता है। ओवैसी ने कहा कि उर्दू सिर्फ मुसलमानों की नहीं बल्कि आजादी की भाषा रही है और इसे किसी धर्म से जोड़ना गलत है।