
योगी आदित्यनाथ (सोर्स - सोशल मीडिया)
Yogi Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मुख्यमंत्री आवास पर हुई कोर कमेटी की मैराथन बैठक के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद सरकार और संगठन में ‘अदला-बदली’ के फॉर्मूले पर अमल किया जाएगा।
मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक चली कोर कमेटी की बैठक में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की रणनीतियों पर गहन मंथन हुआ। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री और आरएसएस के पदाधिकारियों की मौजूदगी में यह संकेत दिए गए कि संगठन के कुछ पुराने चेहरों को सरकार में लाया जा सकता है, जबकि वर्तमान मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के सरकार में शामिल होने की प्रबल संभावना है।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 54 मंत्री शामिल हैं, जबकि संवैधानिक नियमों के अनुसार यह संख्या अधिकतम 60 तक हो सकती है। हालिया लोकसभा चुनावों के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे जितिन प्रसाद और राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि के सांसद बनने से दो महत्वपूर्ण पद रिक्त हुए हैं। इन खाली पदों को भरने के साथ-साथ राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कुछ मंत्रियों को कैबिनेट रैंक पर प्रमोट करने की भी चर्चा है। ये सभी बदलाव 2027 में आने वाले चुनाव को देखते हुए भी किए जा रहे हैं।
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इस पूरे फेरबदल का मुख्य केंद्र 2027 का विधानसभा चुनाव है। पार्टी के भीतर यह माना जा रहा है कि वर्तमान में पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व अधिक है, इसलिए आगामी विस्तार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेताओं को आगे लाकर क्षेत्रीय संतुलन बनाया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न आयोगों और बोर्डों में खाली पड़े पदों को भी जल्द भरने पर सहमति बनी है। पंकज चौधरी अब दिल्ली में हाईकमान के सामने कोर कमेटी के इन प्रस्तावों को रखेंगे, जिसके बाद अंतिम मुहर लगेगी। यह पूरी कवायद न केवल प्रशासनिक रिपोर्टों और एसआईआर (SIR) के आकलन पर आधारित होगी, बल्कि इसमें जातीय समीकरणों को भी पूरी तरह साधा जाएगा।






