यूपी विधानसभा (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सोमवार को मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने संभल और बहराइच की हाल की सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा कराने की मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के सामने हंगामा किया, जिसके बाद अध्यक्ष ने करीब एक घंटे के लिए सदन स्थगित कर दिया। अध्यक्ष सतीश महाना के बार-बार अनुरोध करने पर भी सपा सदस्यों के सीट पर न जाने और नारेबाजी के चलते उन्होंने करीब एक घंटे सदन स्थगित कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और अन्य सदस्यों ने नियम-311 के तहत बहराइच और संभल में सांप्रदायिक दंगे में जानमाल के नुकसान के संबंध में चर्चा कराने की मांग की। अध्यक्ष महाना ने कहा कि यह मामला नियम—311 (विषम परिस्थितियों में नियम 311 के तहत विधानसभा में चर्चा का प्रावधान) के तहत नहीं आता। इस बीच कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी नियम 311 के तहत इस मामले पर चर्चा कराने की मांग पर बल दिया।
अध्यक्ष ने जब कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है, तब सपा सदस्यों ने प्रतिरोध किया और नारेबाजी करते हुए वे सीधे अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। विधानसभा अध्यक्ष रह चुके माता प्रसाद पांडेय ने अपनी बात पर बल देते हुए कहा कि संभल मामले को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है और इस गंभीर विषय पर विधानसभा में चर्चा जरूरी है। अध्यक्ष महाना ने कहा, ‘‘आप ही बताइए कि यह नियम के अंतर्गत आता है क्योंकि आप अनुभवी हैं।’
सपा सदस्यों के लगातार प्रतिरोध के बीच महाना ने नियम—56 के तहत चर्चा कराने का विकल्प दिया, लेकिन सपा सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे और अध्यक्ष के आसन के सामने डटे रहे। इस बीच अध्यक्ष ने सदस्यों को प्रश्नों के पूरक पूछने के लिए आमंत्रित किया। सपा सदस्य डॉक्टर रागिनी सोनकर, कांग्रेस की आराधना मिश्रा और सपा की ही पल्ल्वी पटेल ने बोलने की कोशिश की लेकिन सपा सदस्यों की नारेबाजी में उनकी आवाज दब गयी।
अध्यक्ष के बार बार अनुरोध पर भी जब सपा सदस्य अपनी-अपनी सीट पर जाने को तैयार नहीं हुए तो उन्होंने करीब 11 बजकर 23 मिनट पर सदन को 12 बजकर 20 मिनट तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। महाना ने यह चेतावनी भी दी,‘‘मुझे सदन स्थगित करना पड रहा है तो अब आप सबको अपनी कोई भी बात नियमों के अधीन ही सदन में रखनी होगी।”