कानपुर के KIT कॉलेज में छात्रों का उग्र प्रदर्शन, फोटो- सोशल मीडिया
Uttar Pradesh Hindi News: कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) में सोमवार को बीटेक, बीसीए और एमसीए छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। फीस और फर्जी ‘ऑटोनॉमस’ दावे से परेशान छात्रों ने कैंपस में दिनभर तोड़फोड़ की और देर शाम नए कॉन्फ्रेंस रूम में आग लगा दी।
कानपुर स्थित केआईटी (कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में छात्रों का प्रदर्शन एक हफ्ते से चल रहा था, जो सोमवार को उग्र हो गया। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने पिछले सत्र में उन्हें कॉलेज के ‘स्वायत्त’ होने की झूठी जानकारी देकर दाखिला लिया था। छात्रों का कहना है कि कॉलेज ने सामान्य कॉलेज की तुलना में उनसे अधिक फीस ली।
सबसे बड़ी गड़बड़ी परीक्षा पैटर्न और एकेटीयू (AKTU) में इनरोलमेंट को लेकर सामने आई। छात्रों को बताया गया कि उनकी 30 अंकों की परीक्षा होगी, जबकि विश्वविद्यालय 70 अंकों की परीक्षा कराता है। ‘ऑटोनॉमस’ कॉलेज के अनुसार पढ़ाई करने के बावजूद, इस सत्र के कई छात्रों का विश्वविद्यालय में इनरोलमेंट भी नहीं हुआ है। इससे छात्रों को डर है कि उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है, और कुछ छात्रों के दो से तीन साल खराब होने का खतरा है। अंतिम वर्ष के छात्रों ने यह भी चिंता जताई कि इस विवाद के कारण उनका प्लेसमेंट प्रभावित होगा।
सोमवार को सुबह से शुरू हुए हंगामे में छात्रों ने कॉलेज में जमकर नारेबाजी की और तोड़फोड़ की। उन्होंने गमले, खिड़कियों के शीशे, होर्डिंग और कुर्सियां तोड़ दीं। आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज के निदेशक के साथ धक्कामुक्की भी की। बवाल बढ़ने पर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने खुद को कमरों में बंद करके सुरक्षित किया।
शाम ढलने के बाद माहौल और बिगड़ गया, और देर शाम अंधेरा होने पर नए कॉन्फ्रेंस रूम में आग लगा दी गई। आग की लपटें देखकर अफरातफरी मच गई। हालांकि, कॉलेज प्रशासन के प्रयास के बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया। कॉलेज प्रबंधन ने दावा किया कि आग छात्रों ने ही लगाई है। कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल में रह रही छात्राओं को भी बंद कर दिया था, जिसके विरोध में छात्रों ने मुख्य गेट पर हंगामा किया और छात्राओं ने भी नारेबाजी की।
तोड़फोड़ और हंगामे की सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। एसडीएम नर्वल विवेक मिश्रा, एसीपी चकेरी अभिषेक पांडेय और एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार मौके पर पहुंचे। एकेटीयू से प्रति कुलपति प्रो. राजीव कुमार सहित एक टीम भी मौके पर पहुंची। छात्रों की मुख्य मांगें थीं कि जिन छात्रों को प्रवेश निरस्त कराना है, उनकी कोर्स, परीक्षा और हॉस्टल समेत पूरी फीस तीन दिनों के भीतर वापस की जाए, और जो कॉलेज में रहना चाहते हैं उनकी प्रति वर्ष आधी फीस माफ की जाए।
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देर शाम अधिकारियों, प्रबंधन और छात्रों के बीच बातचीत हुई और सहमति बनी। केआईटी निदेशक ब्रजेश वार्ष्णेय ने आश्वासन दिया कि प्रवेश निरस्त कराने वाले छात्रों की फीस वापस कर दी जाएगी, और जिन छात्रों का इनरोलमेंट नहीं हुआ है, उनका इनरोलमेंट कराया जाएगा। पुलिस ने कहा कि हर पहलू की जांच की जाएगी और फिलहाल मौके पर शांति है।