संभल जामा मस्जिद विवाद
संभल : संभल जिले के विवादित जामा मस्जिद में रविवार को हुए हिंसक घटनाक्रम को लेकर मस्जिद की प्रबंधन समिति ने स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। समिति का कहना है कि मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान अफवाह फैलने से भीड़ उग्र हो गई और हिंसा भड़क उठी।
इस मामले में जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जफर अली ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह सब प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ।
जफर अली ने रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि मस्जिद का सर्वे अदालत के आदेश पर नहीं, बल्कि जिलाधिकारी के आदेश पर किया गया था, जो गैरकानूनी था। अली का कहना था कि जब सर्वे के दौरान वजूखाने का पानी निकाला गया, तो अफवाह फैली कि मस्जिद में खुदाई हो रही है। इससे लोगों में गुस्सा और अफरा-तफरी मच गई।
अली ने आरोप लगाया कि जब भीड़ बढ़ने लगी, तो पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया और उन्हें गालियां दीं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। अली ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद देखा कि पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसके कारण स्थिति और खराब हुई। उनका कहना था कि प्रशासन के अधिकारियों की वजह से यह हिंसा हुई और उन्हीं की लापरवाही के कारण कई लोगों की मौत हो गई।
इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई, जबकि 20 लोग घायल हो गए। पुलिस ने अब तक सात मामले दर्ज किए हैं और 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है। अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दें। उन्होंने कहा कि इस हिंसा का मुख्य कारण प्रशासन की गलतियां और पुलिस की बर्बर कार्रवाई थी।