सीएम योगी (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊः सूबे की योगी सरकार प्रदेश में जमीनों का सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी कर रही है। नए सिरे से सर्किल रेट तय किया जाएगा। इससे पहले 2016 में सर्किल रेट बढ़ाया गया था। इसके बाद करीब 10 हो गए, लेकिन जमीन की खरीद बिक्री पुराने सर्किल रेट के हिसाब से ही हो रही हैं। हालांकि बीच में कई जिलों में जिलाधिकारियों ने सर्किल रेट में बढ़ोतरी की थी। ऐसे में इस बार पूरे प्रदेश की जमीनों का रेट बढ़ने वाला है।
सर्किल रेट के संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसमें सर्किल रेट की दरों में 10 से 50 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। इसमें उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां जमीनों के सरकारी रेट और बाजार भाव में काफी अंतर है।
ऐसे क्षेत्रों में बाजार भाव के बराबर सर्किल रेट करने का प्रस्ताव बन रहा है। इसका सबसे ज्यादा लाभ किसानों को मिलेगा। सरकार द्वारा अधिग्रहण की गई जमीनों का अधिक उन्हें अधिक मुआवजा राशि मिलेगी। जानकारी के मुताबिक अधिकांश जिलों में आठ वर्ष पुराना सर्किल रेट ही चल रहा है। जबकि, इस अवधि में जमीनों की कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं। सर्किट रेट बढ़ाने के बाद सरकार को राजस्व का भी फायदा मिलेगा।
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सर्किट रेट बढ़ाने का प्रस्ताव स्टांप विभाग द्वारा दिया गया है। इसे किसानों और गरीबों के हित में माना जा रहा है। अब शासन स्तर पर भी इस दिशा में कवायद की जा रही है। सर्किल रेट बढ़ने से राजस्व में भी नुकसान नहीं हो रहा है। अंतिम रूप देने के लिए सभी से प्रस्ताव मांगा गया है। जल्द इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। इस फैसले से एक तरफ उन्हें अच्छा पैसा मिलेगा, जिनकी जमीन अधिग्रहीत की जा रही है। वहीं बाजार भाव और सर्किल रेट में अंतर घटने से काले धन का प्रवाह कम होगा। दस्तावेजों में एकरूपता आएगी और जमीनों की खरीद-फरोख्त की वास्तविक कीमत आन रिकार्ड आएगी।