बांके बिहारी मंदिर में उमड़ रही है भारी भीड़, फोटो- सोशल मीडिया
Banke Bihari Temple Latest Guideline: नए साल के जश्न के बीच अगर आप ठाकुर श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए वृंदावन जाने की योजना बना रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। मंदिर प्रबंधन ने 29 दिसंबर 2025 से 5 जनवरी 2026 तक भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए भक्तों के लिए एक विशेष एडवाइजरी जारी की है, जिसमें फिलहाल यात्रा टालने की सलाह दी गई है।
मथुरा के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने भक्तों से एक भावुक और सुरक्षात्मक अपील की है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि नववर्ष के अवसर पर मंदिर और आसपास के क्षेत्र में दर्शनार्थियों की संख्या अत्यधिक बढ़ सकती है, जिससे सुरक्षा संबंधी जोखिम पैदा होने की आशंका है। इसी असुविधा को दृष्टिगत रखते हुए प्रबंधन ने निवेदन किया है कि श्रद्धालु 29 दिसंबर से 5 जनवरी तक यदि संभव हो तो वृंदावन आने से परहेज करें और अति आवश्यक होने पर ही अपना यात्रा कार्यक्रम बनाएं। भक्तों को सलाह दी गई है कि वे घर से निकलने से पहले स्थानीय स्थिति का आकलन जरूर कर लें।
बांके बिहारी मंदिर की हालिया एडवाइजरी
बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दर्शनार्थियों से अनुरोध किया गया है कि वे मंदिर आते समय अपने साथ किसी भी प्रकार का बैग, झोला या कीमती सामान न लाएं। इसके साथ ही, अनावश्यक भीड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए श्रद्धालुओं को केवल निर्धारित प्रवेश और निकास मार्गों का ही प्रयोग करने को कहा गया है। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि बांके बिहारी मंदिर परिसर की ओर आने वाले मुख्य मार्गों पर ही जूते-चप्पल उतारने की व्यवस्था की गई है, अतः श्रद्धालु जूता-चप्पल पहनकर मंदिर की ओर न बढ़ें।
बांके बिहारी मंदिर प्रशासन ने भीड़ का फायदा उठाने वाले जेबकतरों, चेन कतरों और मोबाइल चोरों को लेकर भी गंभीर चेतावनी दी है। तंग गलियों में भीषण जाम की स्थिति बन सकती है, जिसे देखते हुए प्रबंधन ने सुझाव दिया है कि साथ आने वाले लोग (विशेषकर बच्चे और बुजुर्ग) अपनी जेब में मोबाइल नंबर लिखकर रखें, ताकि बिछड़ने की स्थिति में संपर्क किया जा सके। इसके अतिरिक्त, पब्लिक एड्रेस सिस्टम (लाउडस्पीकर) पर की जा रही घोषणाओं को ध्यान से सुनने और उनका पालन करने की अपील की गई है।
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भीड़ के दबाव और संकरी गलियों की चुनौतियों को देखते हुए, बीमार लोगों को इस दौरान मंदिर न आने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि असामाजिक तत्वों और भीड़ के कारण उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति श्रद्धालु स्वयं सजग रहें। मंदिर प्रबंधन का लक्ष्य इन नियमों के माध्यम से भक्तों की यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना है।