सीएम योगी अखिलेश यादव व पल्लवी पटेल (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी मौसम गहराया हुआ है। एक तरफ सपा-कांग्रेस मिलकर बीजेपी को 10-0 से हराने के स्वप्न संजों रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा भी इसी आंकड़े के साथ विपक्ष को मात देने का ख्वाब देख रही है। लेकिन अब सूबे के राजनीतिक गलियारों से एक ऐसी ख़बर सामने आई है जो इन ख्वाबों और स्वप्नों को चकनाचूर कर सकती है।
उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है। लेकिन जिस तरह से इन चुनावों के लिए राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं, उसने इस चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है। एक तरफ जहां इस चुनाव में सपा-कांग्रेस अलग-अलग नजर आ सकती हैं, वहीं दूसरी तरफ अपना दल कमरवादी की पल्लवी पटेल इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपना दल कमरवादी असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और आजाद समाज पार्टी के साथ मिलकर पीडीएम फॉर्मूले के तहत दस सीटों पर उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इनमें से एक सीट पर अपना दल (ए) चुनाव लड़ सकती है। इसी सिलसिले में पीडीएम की ओर से उत्तर प्रदेश उपचुनाव को लेकर दो बैठकें आयोजित की गई हैं।
नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद की पीडीएम में एंट्री भी लगभग पक्की हो गई है। पल्लवी पटेल फूलपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ सकती हैं। पल्लवी पटेल इस सीट पर चुनाव जीतकर समाजवादी पार्टी को जवाब देना चाहती हैं। माना जा रहा है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा. चंद्रशेखर आजाद और ओवैसी के बीच बातचीत भी हो चुकी है.
पल्लवी पटेल यूपी की सिराथू सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2022 के चुनाव में सपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को मात दी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उनका गठबंधन टूट गया। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि पल्लवी कुछ सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन सपा ने सीट देने से साफ इनकार कर दिया, जिसके बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए यहां तक कह दिया कि यह गठबंधन सिर्फ विधानसभा तक ही है।
पल्लवी पटेल और एआईएमआईएम पहले से गठबंधन में हैं। इसमें चंद्रशेखर आजाद शामिल होने जाने से सपा-कांग्रेस गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा बसपा भी इन चुनावों में पूरा दमखम लगाती हुई दिखाई दे रही है। ऐसे में इंडिया अलाइंस का वोट बंट सकता है। वहीं, दूसरी तरफ कहा यह भी जा रहा है कि सपा-कांग्रेस से नाराज वोटर जो विकल्प न होने के चलते बीजेपी की तरफ जा सकता था वह पल्लवी के मैदान में होने से उधर जाएगा जिससे बीजेपी को भी नुकसान हो सकता है।
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