ओम प्रकाश राजभर (सोर्स-सोशल मीडिया)
लखनऊ: मुल्क की सियासत में इस समय जाति जनगणना और आरक्षण एक ऐसा मुद्दा है जो विपक्ष का हथियार बन चुका है। दूसरी तरफ बीजेपी भी इससे साफ इनकार करने की स्थिति में नहीं है। एनडीए में उसके सहयोगी दल भी यह मुद्दा उठाते रहते हैं। अब योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एक बयान देते हुए यह बता दिया है कि जातीय जनगणना कौन करा सकता है।
ओम प्रकाश राजभर ने सपा, कांग्रेस और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग अब जाति जनगणना की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इन्हें वोट चाहिए। उन्होंने कहा कि जब ये राजनीतिक दल सत्ता में थे तो जाति जनगणना क्यों नहीं कराई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दलों ने लंबे समय तक पिछड़े वर्गों को लूटा है। जाति जनगणना पीएम मोदी के नेतृत्व में ही होगी।
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कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हम 22 साल से कह रहे हैं और आज भी कह रहे हैं कि जब विपक्ष सत्ता में होता है तो उसे जाति जनगणना, सबको समान अधिकार देने की परवाह नहीं होती। सत्ता से बाहर होने के बाद उन्हें सब याद आता है क्योंकि उन्हें वोट लेना होता है। इनसे अच्छे तो नीतीश कुमार जी हैं, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए इसे करवाया और इन लोगों ने क्या किया।
सुभासपा मुखिया ने कहा कि सपा-बसपा कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या किया, उन्होंने जाति जनगणना क्यों नहीं करवाई। राजभर ने दावा किया कि जाति जनगणना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ही कराएगा, यह हम कई बार कह चुके हैं। जाति जनगणना प्रधानमंत्री मोदी ही करवाएंगे, यह किसी और के बस की बात नहीं है।
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बता दें कि जाति जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी बुरी तरह घिरती नजर आ रही है। एक तरफ जहां भारत गठबंधन समेत कई विपक्षी दल इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं बीजेपी के अंदर ही कई नेता हैं जो इसका समर्थन करते हैं। इतना ही नहीं बीजेपी के कई सहयोगी दल चाहे वह सुभासपा हो या अपना दल और निषाद पार्टी, ये दल भी जाति जनगणना का समर्थन कर रहे हैं। वे जनगणना की मांग करते हैं।
दूसरी ओर केरल के पलक्कड़ में हुई आरएसएस की बैठक में संघ की ओर से भी बयान आया है। संघ ने कहा कि जाति जनगणना पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन आंकड़ों का इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए होना चाहिए, न कि चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर।