मुलायम सिंह, अखिलेश यादव (फोटो- सोशल मीडिया)
UP Politics: उत्तर प्रदेश सरकार ने मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी को आवंटित की गई सरकारी कोठी को खाली करने का आदेश जारी किया है। इस कोठी को 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह को केवल 250 रुपये प्रति माह किराए पर आवंटित किया गया था। अब मुरादाबाद जिला प्रशासन ने पार्टी की स्थानीय इकाई को एक महीने के अंदर यह कोठी खाली करने का आदेश जारी किया है।
यह कोठी मुरादाबाद के प्रतिष्ठित सिविल लाइंस क्षेत्र में ग्राम छावनी के समीप स्थित है, जहां पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सहित कई प्रमुख सरकारी संस्थान मौजूद हैं। करीब 1000 स्क्वायर मीटर में फैली इस कोठी में वर्तमान में समाजवादी पार्टी का जिला कार्यालय संचालित हो रहा है। इस कोठी पर राज्य सरकार का मालिकाना हक है और राजस्व अभिलेखों में इसे सरकारी संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया है।
मुरादाबाद जिला प्रशासन के अनुसार, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद संबंधित कोठी का नामांतरण नहीं कराया गया था। नियम के मुताबिक, किसी सरकारी आवंटन के मूल लाभार्थी की मृत्यु होने पर संपत्ति का नामांतरण अनिवार्य होता है। चूंकि यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, इसलिए प्रशासन ने आवंटन रद्द कर दिया।
इस संबंध में जिलाधिकारी अनुज सिंह ने राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप निर्णय लिया है। अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं और सरकारी योजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन के लिए भूमि और भवन की मांग लगातार बढ़ रही है। विशेष रूप से अधिकारियों के आवास विस्तार के मद्देनज़र, यह कोठी सरकार द्वारा वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
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प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई से समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता खासे नाराज हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन राजनीतिक दुर्भावना के तहत निर्णय ले रहा है। दूसरी ओर, मुरादाबाद जिला प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है कि उठाया गया कदम पूरी तरह से नियमों के अनुरूप है और इसका मकसद सरकारी संपत्ति का प्रभावी एवं उचित उपयोग सुनिश्चित करना है। इस मामले में एडीएम (वित्त) ने समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी कर एक माह के भीतर कोठी खाली करने का निर्देश दिया है।