बीएसपी प्रमुख मायावती (सोर्स - सोशल मीडिया)
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रहे राजनीतिक विवादों को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। शनिवार यानी 19 अप्रैल को उन्होंने जनगणना, नई शिक्षा नीति और भाषा थोपे जाने जैसे मुद्दों पर हो रहे मतभेदों को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि यह देश और जनता दोनों के हितों के लिए नुकसानदायक है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “राजनीतिक लाभ के लिए केंद्र और राज्यों के बीच जनगणना, लोकसभा सीटों के पुनः आवंटन, नई शिक्षा नीति और भाषा थोपने जैसे विवादों का उपयोग किया जाना स्वाभाविक रूप से जनहित और राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करता है। अच्छा शासन वही है जो पूरे देश को संविधान के अनुसार साथ लेकर चले।”
मायावती ने खास तौर पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के बच्चों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इन वर्गों के बच्चों को IT और स्किल आधारित क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने लिखा, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दलित, आदिवासी और गरीब वर्ग के बच्चे बिना अंग्रेजी ज्ञान के कैसे IT और तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ पाएंगे, इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। भाषा के प्रति नफरत रखना अनुचित है।”
BSP सुप्रीमो ने दिल्ली में हुई एक समीक्षा बैठक की जानकारी भी दी, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में पार्टी संगठन को मज़बूत करने पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने तन, मन और धन से पार्टी के विस्तार में जुटने का संकल्प लिया है।
मायावती ने उत्तर प्रदेश के आगरा में दलित बारात पर हुए हमले की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राज्य में गरीबों और दलितों पर बढ़ते अत्याचार बेहद चिंताजनक हैं। BSP शासन के दौरान हमेशा पीड़ितों के साथ न्याय हुआ, लेकिन अब हालात बेहद खराब हैं।
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उन्होंने लिखा, “आगरा में एक दलित बारात पर जातिवादी और सामंती तत्वों द्वारा हमला किया गया। यह घटना बेहद शर्मनाक है और प्रदेश के कई ज़िलों में गरीबों और दलितों पर हो रहे अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, जो बेहद चिंता का विषय है।”