Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Sonam Wangchuck |
  • Dussehra 2025 |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

BSP Future : मायावती को सताने लगा था ये डर, इसलिए रिश्तों को भी कर दिया ‘कुर्बान’

बसपा सुप्रीमो मायावती के फैसले को उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि पार्टी को टूटने से बचाए रखने के लिए दिल पर पत्थर रखकर फैसला लिया है। मायावती जानती हैं कि पार्टी में भरोसेमंद लोग कम बचे हैं।

  • By विजय कुमार तिवारी
Updated On: Mar 03, 2025 | 03:33 PM

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के साथ आकाश ( फाइल फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अक्सर अपने फैसलों से लोगों को चौंकाता रही हैं एक बार फिर उन्होंने आकाश आनंद को लेकर जो फैसला किया है, उसको लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। ऐसा माना जा रहा है कि आकाश आनंद को चुनाव के दौरान अपने बड़बोलेपन का खामियाजा भुगतना पड़ा। इतना ही नहीं मायावती ने आकाश आनंद को सारे पदों से हटाने का फैसला इसलिए किया पार्टी दो टुकड़ों में बंटने से बच जाए, क्योंकि जिस तरह से बसपा के भीतर एकबार फिर से नाराजगी के भाव उभरने लगे थे, उससे यह साफ-साफ पता चल रहा है कि अगर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने पार्टी को नहीं संभाला तो पार्टी में एक और टूट हो जाएगी।

आपने देखा कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने 1 साल के भीतर अपने भतीजे आकाश आनंद की जिस तरह से पार्टी में ताजपोशी की और उसी तरह से बड़े बुरे अंदाज में उनको पद से हटाकर झटका भी दे दिया। ऐसा आपने पहले भी देखा होगा कि घर के बड़े बुजुर्ग किसी से खुश होकर जब उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपते थे तो उनकी कुछ हरकतों पर नाराज होकर उनका तत्काल बाहर का रास्ता भी दिखा दिया करते थे। कुछ ऐसा ही बहुजन समाज पार्टी के मुखिया मायावती ने किया।

मायावती ने आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और उत्तराधिकारी के पद से हटाकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक वह जीवित रहेंगी, पार्टी के सारे मामले स्वयं देखेंगी। इससे ये बात साफ हो गयी कि पार्टी लेवल के फैसले अब केवल मायावती ही लेंगी। कोई और इसमें दखलंदाजी नहीं कर पाएगा।

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (फाइल फोटो)

जानकारों की मानें तो मायावती के इस फैसले के बाद पार्टी की आगे की राह आसान नहीं है। अशोक सिद्धार्थ और आकाश आनंद के समर्थकों को यह फैसला रास नहीं आएगा, जिसकी वजह से पार्टी दो धड़ों में बंट सकती है। बता दें कि हरियाणा के बाद आकाश को दिल्ली विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसमें मायावती की अनुमति के बिना अशोक सिद्वार्थ पहुंचकर हस्तक्षेप करने लगे थे। अशोक सिद्धार्थ के पास दक्षिण के राज्यों की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह खुद को मायावती का करीबी रिश्तेदार बताकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धमकाने लगे थे।

कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में बसपा नेताओं के लिए कुछ बड़े लेवल की शादियां मुसीबत बन गई हैं। कहा जा रहा है कि सबसे पहले वरिष्ठ नेता मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने पर पार्टी के कई नेताओं पर कार्रवाई की गई थी। साथ ही साथ अशोक सिद्धार्थ के बेटे की शादी जब आगरा में हुई तो वहां आकाश आनंद तो मौजूद रहे, लेकिन बसपा सुप्रीमो ने शादी के कार्यक्रम से अपनी दूरी बनाए रखी। मायावती जानती थीं कि इस शादी में अशोक सिद्धार्थ अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन यही शादी उनके लिए मुसीबत बन गयी।

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने रविवार को पार्टी सहयोगियों को एक सख्त संदेश देते हुए कहा कि किसी भी दल में अगर टॉप लीडरशिप में आपसी झगड़ा चल रहा होता है तो पार्टी का भला नहीं होता है। टॉप लीडरशिप कमजोर नहीं होनी चाहिए। ऐसा माना जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के टॉप लेवल पर कमजोरी का फायदा अन्य दलों ने उठाया है और पार्टी धीरे-धीरे कमजोर होती गई है। अब यह माना जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के मुखिया ने कुछ खास कारणों से अपने भतीजे को उत्तराधिकार सौंपने से मना किया है। आइए इन पर एक नजर डालने की कोशिश करते हैं…

1. परिवारवाद के आरोपों से बचने की कोशिश
पहला और बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए मायावती ने ऐसा काम किया है, क्योंकि आजाद समाज पार्टी कांशीराम के नेता और सांसद चंद्रशेखर आजाद अक्सर परिवार को लेकर इशारे इशारे में मायावती को घेरने की कोशिश करते रहे हैं। सांसद चंद्रशेखर आजाद यह बात दोहराते रहे हैं कि बाबा साहब ने कहा था कि- ‘पहले रानी के पेट से ही राजा जन्म लेता था, लेकिन अब उन्होंने ऐसी व्यवस्था दी है कि राजा रानी के पेट से नहीं, बल्कि मतदान की पेटी से पैदा होगा।’

मायावती चाहती हैं कि उनकी पार्टी पर परिवारवाद का आरोप न लगे। इसीलिए वह अपने फैसले को वापस लेते हुए यह संदेश देने की कोशिश की है। आपको याद होगा कि आकाश पर कार्रवाई से पहले उन्होंने अशोक सिद्धार्थ को निष्कासित करते समय बार-बार अपने गुरु और पार्टी के संस्थापक कांशीराम की विरासत का हवाला दिया था। मायावती ने कहा था कि मान्यवर कांशीराम ने भी एक बार पंजाब चुनाव के दौरान अपनी बहन और भतीजे के खिलाफ खड़ा कदम उठाया था। इसीलिए जरूरत पड़ने पर वह भी अपने परिवार के लोगों पर सख्त कदम उठा सकती हैं।

2. आकाश आनंद को और परिपक्व बनाने के लिए
बहुजन समाज पार्टी के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि मायावती ने जानबूझकर यह कदम इसलिए उठाया है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता आकाश आनंद के बढ़ते रोल से खफा दिखाई दे रहे थे। साथ ही साथ सत्ता के गलियारों में ये बातें कही जा रहीं थी कि अशोक सिद्धार्थ की वजह से आकाश आनंद के छोटे भाई ईशान आनंद अलग-थलग पड़ते जा रहे थे। साथ ही पार्टी में ससुर दामाद प्रभावी होते जा रहे थे। यही बात मायावती को खटकने लगी थी। आप जानते हैं कि आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ पहले मायावती के भरोसेमंद लोगों में शामिल थे लेकिन जब उनकी कुछ बातें मायावती को नागवार गुजरीं तो उन्होंने पहले उन्हें दरकिनार किया और अब आकाश आनंद को भी साइड लाइन कर दिया।

शायद इसी भाषण की वजह से निकाल दिया
मायावती ने क्योंकि आकाश आनन्द जीतना चाहते थे और मायावती जी हारना pic.twitter.com/jtQHBgK8Ez
— मयंक मौर्या (@Mdeoria1) March 2, 2025

मायावती चाहती है कि कोई भरोसेमंद पार्टी के नेतृत्व को संभालने के लिए परिपक्व तरीके से आगे आए, तब ही उसे वह अपना उत्तराधिकारी घोषित करेंगी। आकाश आनंद राजनीतिक लिहाज से अभी अपरिपक्व को माने जा रहे हैं। इसीलिए मायावती ने उन्हें झटका देते हुए परिपक्व बनाने की कोशिश की है।

3. अपने जैसा समर्पित उत्तराधिकारी खोजने की कोशिश
अगर मायावती आकाश आनंद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देतीं तो तो ऐसा लगता कि उनसे बहुत खफा हैं और उनको दोबारा पार्टी में नहीं लेंगी। लेकिन वह ऐसा नहीं कर रही हैं। साथ ही आकाश आनंद की जगह उनके पिता को जिम्मेदारी दी है। क्योंकि मायावती भी जानती हैं कि उनके पास अपने उत्तराधिकार के रूप में बहुत ज्यादा विकल्प नहीं हैं।

आपको बता दें कि जिस तरह से काशीराम को मायावती जैसी शिष्या मिलीं थीं। अब मायावती भी उसी तरह का शिष्य या शिष्या अपने लिए खोज रही हैं, लेकिन मायावती को तमाम जमीन से जुड़े नेता तो मिले.. लेकिन उनको लंबे समय तक अपने पास कायम नहीं रख सकीं। आरके चौधरी, बाबू राम कुशवाहा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, स्वामी प्रसाद मौर्य, राम अचल राजभर जैसे तमाम नेता उनके काफी नजदीक रहे और उनको उन्होंने पार्टी की जिम्मेदारी भी सौंपी, लेकिन कुछ अंदरूनी बातों के चलते यह सारे नेता पार्टी छोड़कर कहीं और चले गए। ऐसी स्थिति में मायावती के पास बहुत सारे विकल्प नहीं रह गए हैं।

ऐसा है आकाश आनंद का रिएक्शन
मायावती के द्वारा की गयी कार्रवाई पर आकाश आनंद ने सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी रिएक्शन देते हुए लिखा है कि वह परम आदरणीया बहन कुमारी मायावती जी के कैडर के कार्यकर्ता हैं और उनके नेतृत्व से ही उन्होंने त्याग, निष्ठा और समर्पण जैसी चीजें सीखीं हैं। उनके लिए बहन जी का हर फैसला मील की लकीर के समान है और उसे स्वीकार कर रहे हैं….।

मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती जी का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं, ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं। आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का… — Akash Anand (@AnandAkash_BSP) March 3, 2025

Mayawati action on nephew akash anand

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Mar 03, 2025 | 03:30 PM

Topics:  

  • Akash Anand
  • BSP
  • Mayawati

सम्बंधित ख़बरें

1

‘मायावती के दिल में कमल-जुबां पर अंबेडकर…’, उदित राज के बयान पर बसपा नेता का पलटवार

2

बाबा साहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर परिसर की अवस्था पर बसपा कार्यकर्ताओं का आक्रोश

3

VIDEO: क्यों असंभव है आजम खान और मायावती का साथ? जानिए 5 कड़वे सच

4

रामभद्राचार्य को मायावती की नसीहत, गलत बयानबाजी से अच्छा, चुप रहें

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.