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46 साल बाद संभल में ‘कल्कि परिक्रमा’ का पुनरुद्धार, 1978 दंगे के बाद रोक दी गई थी 24 कोसी परिक्रमा

1978 के दंगों के कारण रुकी संभल की 24 कोसी परिक्रमा 46 साल बाद सीएम योगी के प्रयासों से पुनः आरंभ हुई। संभल एक बार फिर 'कल्कि की नगरी' के रूप में चमकता दिखेगा।

  • By प्रतीक पांडेय
Updated On: Oct 25, 2025 | 04:07 PM

संभल में शुरू हुई पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा, फोटो-IANS

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24 Kosi Parikrama in Sambhal: संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ किया गया।

संभल में 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच हुआ। यह धार्मिक परंपरा 46 वर्षों के अंतराल के बाद पुनः आरंभ हुई है। यह परिक्रमा 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुक गई थी। अब 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से यह परंपरा फिर से जीवित हो उठी है।

क्या है 24 कोसी परिक्रमा धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो संभल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को दर्शाते हैं।

दशकों तक दबे रहे सच और भय का माहौल

1978 के दंगों के बाद संभल में लंबे समय तक भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना रहा। इस दौरान हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं, मंदिरों पर अवैध कब्जे हुए और धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लग गई थी। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक दबाया गया था। सत्ता के संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने और हिंदुओं को सुनियोजित रूप से पलायन के लिए मजबूर करने की कोशिशें की गईं।

योगी सरकार की अतिक्रमण पर कार्रवाई

2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद संभल में कई बदलाव दिखे। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया और कठोर कार्रवाई की। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई।

अतिक्रमण मामले में कहां-कहां हुआ एक्शन

योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई गई। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर निर्णायक कार्रवाई करते हुए विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए। इनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे, जिससे कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि मुक्त हुई। अब 68 पौराणिक तीर्थ स्थल और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई है।

यह भी पढ़ें: ‘ध्वजारोहण’ समारोह: 25 नवंबर को 161 फुट ऊंचे राम मंदिर शिखर पर PM मोदी फहराएंगे 22 फीट का धर्म ध्वज

कानून का इकबाल मजबूत हुआ, अर्थव्यवस्था में छलांग: प्रशासन

योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की गई है। बिजली चोरी रोकने के अभियानों से लाइन लॉस 82 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत पर आ गया है, जिससे 84 करोड़ रुपए की बचत हुई है। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने बड़ी छलांग लगाई है। 2405 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

Kalki parikrama has been revived in sambhal after 46 years 24 kosi parikrama was stopped after 1978 riots

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Published On: Oct 25, 2025 | 04:07 PM

Topics:  

  • Sambhal
  • Sambhal Violence
  • Uttar Pradesh News

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