मृतक युवक (फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊः उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले एक अजीबो गरीब खबर आ रही है, जहां लापरवाह डॉक्टरों द्वारा एक जिंदा युवक को मृत घोषित कर पोस्टमार्टम घर में भेज दिया। ऐसा आरोप परिजनों ने लगाया है। मामला मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज का बताया जा रहा है।
दरअसल मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव गोटका के निवासी शगुन बुधवार रात अपने भाई के साथ कहीं जा रहा था। इस दौरान रास्ते में उनकी बाइक को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए सीएचसी लाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने शगुन की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
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मेडिकल कॉलेज घंटों इलाज करने के बाद डॉक्टरों ने शगुन को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद शव समझ कर शगुन को पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। अचेत अवस्था में जब उसे स्ट्रेचर पर ले जाया जा रहा था, तो परिजनों का दावा है कि उसकी सांसे चल रहीं थी और उसे कराहते हुए सुना।
मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप इसके बाद परिजनों के एतराज पर उसे वापस ICU में ले जाया गया, लेकिन फिर उसे मृत घोषित कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अखिल प्रकाश शर्मा ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि शगुन दिमागी रूप से मृत हो चुका था और 10 घंटे तक उसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली।
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अब परिजनों द्वारा आरोप लगाया जा रहा जिंदा ही शगुन के लिए डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। वहीं इस मामले पर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि जब पुलिस उसे लेने आई तब ऑक्सीजन सपोर्ट हटाया गया। परिजनों के कहने पर दोबारा ICU में ले जाया गया, लेकिन तब भी उसमें जान बाकी नहीं थी। डॉक्टरों ने इसे पूरी तरह से गलतफहमी करार दिया है।