(सौजन्य सोशल मीडिया)
मैनपुरी (उप्र) : चार साल पुराने सामूहिक हत्याकांड के मामले में मैनपुरी की एक अदालत ने आरोपी एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने मामूली बात पर हुई कहासुनी के बाद रंजिश के तहत एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाकर मार डाला था।
इस मामले को लेकर जिला शासकीय अधिवक्ता पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बुधवार को बताया कि यह घटना थाना कोतवाली के माधोनगर खरपरी गांव में चार साल पहले हुई थी। इस सामूहिक हत्याकांड के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार ने मंगलवार को आरोपी मुरारी कश्यप को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि माधोनगर खरपरी गांव निवासी मुरारी कश्यप और उसी गांव के जगदीश के बीच होली समारोह के दौरान डीजे की आवाज को लेकर कुछ विवाद हुआ था। इस दौरान मुरारी ने जगदीश को उसके परिवार सहित खत्म करने की धमकी दी थी। इसके बाद 18 जून 2020 की रात को जब जगदीश का भाई राम बहादुर, उसकी पत्नी सरला देवी, बेटियां संध्या (17), शिखा (10) और नाती ऋषि अपने घर में सो रहे थे, तब आधी रात के करीब मुरारी राम बहादुर के घर में घुसा। घर में घुसकर उसने घर में मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। इतना ही नहीं, आरोपी मुरारी ने भागते समय घर के बाहर से कुंडी भी लगा दी ताकी घर में मौजूद कोई भी सदस्य बच न पाए।
जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि आग की लपटों ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया और परिवार के पांच लोग आग में फंस गए। मदद के लिए चीख-पुकार मचने पर ग्रामीण उन्हें बचाने के लिए आये और दरवाजा तोड़कर बुरी तरह झुलसे राम बहादुर, सरला देवी, संध्या, शिखा और ऋषि को जिला अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान राम बहादुर ने दम तोड़ दिया।
घायल अन्य लोगों को मेडिकल कॉलेज सैफई ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान संध्या, सरला, शिखा और ऋषि ने भी दम तोड़ दिया। जगदीश ने मुरारी कश्यप के खिलाफ सरला, संध्या, शिखा, ऋषि और राम बहादुर को उनके घर में जलाकर मार डालने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुरारी कश्यप को सामूहिक हत्या के आरोप में दोषी करार दिया और फांसी की सजा सुनाई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)