सांकेतिक तस्वीर- कफ सिरप (सोर्स- सोशल मीडिया)
Cough Syrup Case: ड्रग मिले कफ सिरप मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्य आरोपियों में से एक शुभम जायसवाल द्वारा 100 करोड़ रुपये के कफ सिरप की खरीद के मामले में जांच शुरू कर दी है। शुभम ने दिल्ली की कंपनी एबॉट फार्मास्युटिकल्स कफ सिरप की यह खेप खरीदी थी। जिसे विभोर राणा ने न बिकने की वजह से कंपनी को वापस कर दिया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी यह भी पता लगाने में जुटे हैं कि शुभम ने कंपनी को भुगतान करने के लिए इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कहां से किया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले एक माफिया की भूमिका जांच के दायरे में है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ड्रग्स मिले कफ सिरप मामले में माफिया की भूमिका की गुपचुप तरीके से जांच कर रहा है। जांच एजेंसी माफिया की संपत्तियों और बैंक खातों पर कड़ी नज़र रख रही है। उनका 50 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत वाला आलीशान घर भी ईडी अधिकारियों के लिए जांच का विषय बन गया है।
दूसरी ओर शुभम जायसवाल और उसके करीबी रिश्तेदारों के 70 से ज़्यादा बैंक खातों की जांच की जा रही है ताकि कफ सिरप की तस्करी से हुई कमाई के पैसे का पता लगाया जा सके। इनमें से कुछ खातों को संदिग्ध लेन-देन के कारण आरोपी पहले ही फ्रीज कर चुके हैं। ईडी अधिकारी अब संबंधित बैंकों से इन खातों में जमा फंड की जानकारी हासिल करेंगे।
जांच में यह भी पता चला है कि शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल की फर्म शैली ट्रेडर्स का ड्रग लाइसेंस और जीएसटी नंबर, जिसका इस्तेमाल अरबों रुपये के कफ सिरप की तस्करी के लिए किया गया था, एक सपा नेता के भाई के दो मोबाइल नंबरों पर रजिस्टर्ड हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सपा की लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव रवि यादव के भाई मिलिंद यादव का है। वाराणसी के रहने वाले मिलिंद पर शैली ट्रेडर्स के साथ मिलकर कफ सिरप की तस्करी में शामिल होने का आरोप है। मिलिंद को सपा कार्यकर्ता भी बताया जा रहा है।