
CM योगी (Image- Social Media)
Yogi Adityanath in Winter Assembly Session: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कोडीन युक्त कफ सिरप के मुद्दे पर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला। सदन में बोलते हुए सीएम ने साफ कहा कि कोडीन सिरप से उत्तर प्रदेश में एक भी मौत दर्ज नहीं हुई है, जबकि इस तरह की मौतें तमिलनाडु में बने सिरप के कारण अन्य राज्यों में हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एसटीएफ द्वारा पकड़े गए बड़े होलसेलरों को सपा सरकार के कार्यकाल में लाइसेंस दिए गए थे। सपा विधायक अतुल प्रधान द्वारा उठाए गए सवालों और उपमुख्यमंत्री के साथ आरोपी की फोटो दिखाने पर सीएम ने इसे ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ बताया।
सदन में चर्चा के दौरान सीएम योगी ने दिल्ली और यूपी के नेताओं की तुलना करते हुए कहा कि देश में दो ‘नमूने’ हैं, जिनमें से एक यहां बैठे हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि यहां वाले ‘बबुआ’ भी जल्द ही इंग्लैंड घूमने चले जाएंगे। सीएम ने कहा कि जब भी देश में किसी गंभीर मुद्दे पर बहस होती है, तो कुछ लोग तुरंत विदेश निकल जाते हैं। इस टिप्पणी के बाद सपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोडीन सिरप का निर्माण उत्तर प्रदेश में नहीं होता, यहां केवल इसके स्टॉकिस्ट और होलसेलर हैं। उन्होंने बताया कि नकली दवाओं के खिलाफ एफएसडीए (FSDA) लगातार कार्रवाई कर रहा है। सीएम ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि इस उम्र में तो सच बोलना चाहिए, लेकिन सपा के लोग उनसे अब भी झूठ कहलवा रहे हैं।
यूपी विधानसभा में ‘नमूना’ शब्द को लेकर तीखी बहस भी हुई। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने सीएम योगी के बयान पर आपत्ति जताते हुए सवाल किया कि नेताओं के लिए इस तरह की भाषा क्यों इस्तेमाल की जा रही है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया है। वहीं, सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्ष मुद्दे को भटका रहा है और सीएम ने बिना नाम लिए अपनी बात रखी है।
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इससे पहले सपा विधायक अतुल प्रधान ने सदन में कोडीन सिरप का मुद्दा उठाया था। उन्होंने सरकार से सवाल किया था कि इस मामले में ‘बुलडोजर’ कहां सो गया है। प्रधान ने आरोपी की एक तस्वीर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ सदन में दिखाई, जिससे सदन का माहौल गर्मा गया। सीएम योगी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए विपक्षी गठबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।






