सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने दीवाली से पहले धनतेरस के अवसर पर शिक्षकों और स्कूल से जुड़े कर्मचारियों को तोहफा दिया है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा विभाग ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा से जुड़े कार्य में तैनात रहने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का मानदेय 20 से 25 फीसदी बढ़ा दिया है। सरकार बढ़ाया गए मानदेय का लाभ वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू होंगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षा केंद्र के खर्च को साढ़े तीन रुपय से बढ़ा कर साढ़े चार रुपये कर दिया है। इसके अलावा हाईस्कूल के परीक्षक को अब 11 रुपये की जगह 14 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका के मिलेंगी। वहीं इंडरमीडिएट की के परीक्षक को 13 रुपये की जगह अब 15 रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका का मिलेगा। पैक्टिकल परीक्षा के लिए शिक्षकों का मेहनताना 8 रुपये प्रति छात्र से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है।
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बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी चेक करने वाले शिक्षकों का बढ़ा मेहनताना
परीक्षा खर्च के अलावा बोर्ड में 10वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिका की जांच करने वाले शिक्षकों की भी मेहनताना बढ़ा दी गई है। बता दें कि इससे पहले शिक्षकों को 100 कॉपियां को जांचने के 266 रुपये मिलते थे। अब यह राशि बढ़ाकर 300 रुपये कर दी गई है। इंटरमीडिएट की 100 उत्तर पुस्तिका जांचने पर 400 रुपये शिक्षकों को मिलते थे। अब यह दर बढ़ाकर 100 कॉपियों पर 500 रुपये कर दिया गया है। इन सब के अलावा मूल्यांकन परीक्षकों की निर्धारित पारिश्रमिक सीमा को भी 20 हजार से बढ़ाकर 25 हजार किया गया है।
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लंबे समय से शिक्षक कर रहे थे मानदेय बढ़ाने की मांग
गौरतलब है कि इससे पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 2019 में परीक्षा से जुड़े शिक्षकों और कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाया था। एडेड और प्राइवेट स्कूल संचालकों की ओर से लंबे समय से बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी। जिसको ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने शिक्षकों की मांग पूरी कर दी है। हालांकि शिक्षकों को बढ़े हुए मानदेय का लाभ वित्तीय वर्ष 2025-26 से मिलेगा।