एसटी हसन और रवींद्र पुरी, फोटो: सोशल मीडिया
पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने अखिलेश यादव का बचाव करते हुए भाजपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने भाजपा के लोगों के लिए सद्बुद्धि की दुआ मांगी। इसके उलट अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने अखिलेश पर निशाना साधा और संसद परिसर की मस्जिद में हुई बैठक को लेकर सवाल उठाए।
एसटी हसन ने कहा, “मस्जिद-मंदिर-चर्च और गुरुद्वारा इबादत की जगहें हैं। यहां अपने पालनहार की इबादत की जाती है। इसलिए अखिलेश यादव अपने ईश्वर पर पूरा भरोसा करते हैं और वो सपा सांसदों के साथ मस्जिद गए। अखिलेश यादव जब मस्जिद में जाते हैं तो मुसलमानों का हौसला बढ़ाते हैं और जब मंदिर में जाते हैं तो हिंदुओं का हौसला बढ़ाते हैं। मस्जिद में जाने से हमारा हौसला बढ़ा है और अपनेपन का अहसास हुआ है। मुसलमान और हिंदू अलग नहीं, बल्कि एक ही हैं।”
उन्होंने कहा, “वहां पर ये दुआ भी मांगी कि ऊपर वाला भाजपा के लोगों को सद्बुद्धि दे और उनको राष्ट्रभक्त बनाए। मैं भाजपा को बताना चाहता हूं कि अखिलेश यादव मस्जिद उन्हीं लोगों के लिए दुआ करने गए थे। क्योंकि अखिलेश यादव समेत सभी सपा के लोग किसी को बद्दुआ नहीं देते हैं। समाजवादी पार्टी कोई मुसलमानों की पार्टी नहीं है, लेकिन वो मुसलमानों की हमदर्द है। पार्टी इंसाफ करती है और हक की बात करती है। उनका कोई दोहरा चरित्र नहीं है, जैसे मुसलमानों को लेकर अन्य पार्टियों का है।”
रवींद्र पुरी ने अखिलेश यादव की सांसदों के साथ बैठक और चाय पीने की वायरल तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मस्जिद नमाज के लिए बनाई गई है न कि सपा की बैठकों के लिए। अखिलेश वहां कार्यालय बना रहे हैं जो कि गलत है। अगर वे मुस्लिम समुदाय के साथ बैठक कर रहे हैं तो हिंदुओं को क्यों नहीं शामिल किया? ये गुप्त बैठकें क्या संदेश दे रही हैं? आखिर इन बैठकों का उद्देश्य क्या है?
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रवींद्र पुरी ने अखिलेश पर हिंदू-मुस्लिम विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा, “अखिलेश ने पहले भी यादव और ब्राह्मण समुदायों को आपस में लड़ाने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल हो रहा है और वे चुपचाप सह रहे हैं।” रवींद्र पुरी ने आरोप लगाते हुए कहा, “कांवड़ यात्रा में पांच करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे इसी से अखिलेश को परेशानी हो रही है। वो चाहते हैं कि जैसे सनातनी हिंदू हरिद्वार में इकट्ठा हुए वैसे ही मुस्लिम समुदाय को मस्जिदों में इकट्ठा किया जाए।”