पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी। इमेज-सोशल मीडिया
UP News In Hindi: केंद्र सरकार ने लखनऊ, कानपुर और आगरा को नव वर्ष की शुरुआत से ठीक पहले बड़ी सौगात दी है। विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के अनुरूप इन शहरों में मेट्रो कॉरिडोर के विस्तार की योजना को मंजूरी दी गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) को केंद्र सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मिल गया है। अब इन शहरों में मेट्रो नेटवर्क को आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसका मकसद आगामी वर्षों में बढ़ती आबादी और ट्रैफिक की समस्या से लोगों को राहत देना है।
UPMRC ने तीनों शहरों के लिए लॉन्ग टर्म मेट्रो डेवलपमेंट प्लान बनाना शुरू कर दिया है। कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा है कि इस योजना को बनाने में लखनऊ विकास प्राधिकरण, कानपुर विकास प्राधिकरण, आगरा विकास प्राधिकरण और राज्य आवास विकास परिषद से सहयोग मांगा गया है। यह योजना केवल आज की जरूरतों को ध्यान में रखकर नहीं बनाई जा रही है, बल्कि 2047 तक शहरों की बढ़ती आबादी और भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही।
इस योजना के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने अपनी सहमति दे दी है। मंत्रालय ने मेट्रो विस्तार की योजना के लिए NOC जारी किया है। अब UPMRC वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा। इन रिपोर्ट्स में निर्धारित होगा कि मेट्रो के अलावा कौन अन्य मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम शहरों के लिए ज्यादा उपयोगी हो सकते हैं। ताकि आम लोगों को सुरक्षित, सस्ता, सुविधाजनक परिवहन मिले।
शहरों के विकास प्राधिकरणों के विशेषज्ञ बताते हैं कि इस लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट प्लान से शहरी विकास को सही दिशा मिलेगी। अक्सर देखा गया है कि मेट्रो के रूट और शहरों का विकास अलग-अलग दिशाओं में होता है। उससे लोगों को मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने में परेशानी होती है। अब विकास प्राधिकरणों के साथ समन्वय से मेट्रो उन क्षेत्रों तक पहुंचेगी, जहां भविष्य में व्यावसायिक विकास होने वाला है। इससे ट्रैफिक जाम कम हो जाएगा।
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सरकार का यह विजन डॉक्यूमेंट यातायात सुधार तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य इन शहरों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करना है। मेट्रो विस्तार से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। आधुनिक तकनीक से लैस मेट्रो और ट्रांजिट सिस्टम विकसित किए जाएंगे, ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके। कुल मिलाकर यह योजना लखनऊ, कानपुर और आगरा को स्मार्ट, सुगम और विकसित शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही।