संबल में 80 मकानों में लगे लाल निशान, फोटो- सोशल मीडिया
Bulldozer Action in Sambhal: रायसत्ती थाना क्षेत्र के मोहल्ला हातिम सराय में प्रशासन द्वारा तालाब की जमीन बताकर 80 मकानों को अवैध घोषित करने और कुछ मकानों पर लाल निशान लगाने की कार्रवाई ने विवाद खड़ा कर दिया है।
तालाब की जमीन बताकर 80 मकानों पर लाल निशान लगा दिए गए। अब पीड़ित परिवारों का कहना है कि कार्रवाई से पहले तहसील रिकॉर्ड नहीं देखे गए और जमीन उनकी पुश्तैनी निजी मिल्कियत है।
तहसीलदार धीरेंद्र सिंह का कहना है कि सरकारी आठ बीघा तालाब को पाटकर अवैध ढंग से 80 मकानों का निर्माण किया गया था। प्रशासन ने नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने के लिए 15 दिन का समय भी दिया था और इसी क्रम में बुधवार को 40 मकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए लाल निशान लगाए गए।
हालांकि, विवादित भूमि पर रहने वाले पूर्वी वार्ष्णेय ने दावा किया है कि उक्त जमीन उनकी दादी राम सुनीति देवी की निजी मिल्कियत में थी और 2009 के बाद उन्होंने जमीन बेच दी थी। वार्ष्णेय के अनुसार दादी के नाम गाटा संख्या 84, 85 और 86 दर्ज है और तहसील में पूरा राजस्व रिकॉर्ड मौजूद है। उन्होंने बताया कि जमीन में वर्षों तक खेती होती रही; कुछ हिस्सों में मिट्टी खोदने से तालाबनुमा स्थल बन गया था, जिसका तालाब पाटकर जमीन निजी मिल्कियत में ही रही।
वार्ष्णेय का कहना है, “हमने बैनामा कराकर जमीन खरीदी है- कब्जा करते तो बैनामा कहां से होता? प्रशासन की टीम ने मौके पर बैनामे तक नहीं देखे और दो दिन में लाल निशान लगा दिए। हमने अपने पूरे जीने की कमाई लगाकर मकान बनाए थे।”
व्यवहारिक दलील के साथ एक अहम दस्तावेज का हवाला भी दिया गया। एडीएम हरज्ञान सिंह पुंडीर की कोर्ट ने 14 सितंबर 2009 के आदेश में राम सुनीति देवी की निजी संपत्ति होने का जिक्र करते हुए पीपी एक्ट के तहत जारी 35 नोटिस वापस करने के निर्देश दिए थे। आदेश में कहा गया था कि उक्त जमीन सरकार/पालिक/स्थानीय निकाय/मतरूक में नहीं है और इसलिए निजी संपत्ति पर पीपी एक्ट लागू नहीं होते।
प्रशासन ने पारस्परिक विवाद देखते हुए कहा है कि मामले की जांच कर दोनों पक्षों को बुलाकर समाधान किया जाएगा। संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया, “निजी जमीन होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। दोनों पक्षों को बुलाकर बातचीत कर समस्या का समाधान किया जाएगा। किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं की जाएगी।”
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इस बीच कई परिवार हाईकोर्ट पहुंचे और याचिका दायर कर दी है; माना जा रहा है कि सुनवाई सोमवार को हो सकती है। सपा विधायक इकबाल महमूद ने भी डीएम से मुलाकात कर कहा कि पहले गहनता से पड़ताल करायी जाए और तब तक बुलडोजर चलवाना उचित नहीं होगा।