CM योगी ने गोरखपुर में 160 परिवारों को सौंपी घर की चाबी, फोटो- सोशल मीडिया
CM yogi in Deoria: देवरिया बाईपास स्थित पाम पैराडाइज हाउसिंग प्रोजेक्ट के इन घरों में 80 फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और 80 निम्न आय वर्ग (LIG) के परिवारों को दिए गए हैं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की 118 करोड़ रुपये की 50 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। उन्होंने मौके पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, “हर परिवार की यह तमन्ना होती है कि उसका खुद का घर हो, सर ढकने को अपनी छत हो। आज 160 परिवारों का यह सपना दीपावली से पहले साकार हुआ है। कार्तिक मास के शुभ समय में यह उपलब्धि और भी खास है।” सीएम योगी ने बताया कि एक परिवार में औसतन 5–6 सदस्य हैं, यानी इस परियोजना से करीब 700–800 लोगों को सीधा लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक आवास नहीं, बल्कि किसी व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आवास पूरी पारदर्शिता के साथ बांटे गए हैं। जीडीए की हाउसिंग स्कीम में 40 विस्थापित परिवारों को प्राथमिकता दी गई, जबकि शेष 120 परिवारों का चयन लॉटरी प्रणाली से हुआ। 9,000 से अधिक आवेदनों में से चुने गए ये 160 परिवार वाकई “भाग्यशाली” हैं।
योगी ने बताया कि EWS फ्लैट 35 वर्ग मीटर के हैं, जिनकी बाजार कीमत 13–15 लाख रुपये है, लेकिन सरकार की सब्सिडी से केवल 5.40 लाख रुपये में उपलब्ध कराए गए। LIG फ्लैट 41 वर्ग मीटर के हैं, जिनकी बाजार कीमत 19–20 लाख रुपये है, जबकि ये 10.80 लाख रुपये में दिए गए।
सीएम योगी ने कहा, “जब सरकार और जनप्रतिनिधि ईमानदार होते हैं, तब गरीबों को घर मिलने में कोई अड़चन नहीं आती। अच्छी नियत से अच्छे कार्य होते हैं और जब जनता अच्छी सरकार चुनती है, तो विकास गरीब तक पहुंचता है।” उन्होंने आगे कहा कि इस परियोजना की लोकेशन भी शानदार है रामगढ़ ताल, गोरखपुर जू और खोराबार के प्रमुख स्थानों के करीब। यहीं पास में सांसद रवि किशन का आवास भी स्थित है।
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योगी ने विकास प्राधिकरणों को सलाह दी कि हाई-राइज बिल्डिंग्स में रखरखाव समितियां (Maintenance Committees) बनाई जाएं ताकि लिफ्ट और अन्य सुविधाओं का नियमित मेंटेनेंस सुनिश्चित हो। सीएम ने बताया कि पिछले साल प्रयागराज में माफियाओं से कब्जाई गई जमीन पर 76 फ्लैट गरीबों के लिए बनाए गए थे। अब लखनऊ समेत कई शहरों में भी ऐसी जमीन को मुक्त कर गरीबों को आवास दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “अब उत्तर प्रदेश में माफियाओं की हवेलियों की जगह गरीबों के मकान खड़े होंगे।”