राम मंदिर (फोटो-सोशल मीडिया)
अयोध्या: राम मंदिर की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा 3 जून को सुबह 6:30 बजे शुरू हो गई। तीन दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम 3 जून को शुरू होकर 3 जून तक चलेगा। इस दौरान भगवान राम राजा के रूप में स्थापित किए जाएंगे। इससे पहले उनके बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।
22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम बालक राम के रूप में स्थापित किए गए थे। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।अब दूसरी प्राण प्रतिष्ठा में भगवान राम राजा के रूप में स्थापित किए जाएंगे। मंदिर के पहले तल पर राजा राम का दरबार बनाया गया है। इसमें भगवान राम, उनके अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता जानकी और सेवक हनुमान होंगे।
राम मंदिर की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर को सुंदर रोशनी से सजाया गया है। इस समारोह में राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार, परकोटा के छह मंदिर शिवलिंग, गणपति, हनुमान, सूर्य, भगवती और अन्नपूर्णा, साथ में शेषावतार मंदिर, इन आठ मंदिरों में देव विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
#WATCH | Ayodhya, UP | Shri Ram Janmbhoomi temple is illuminated with beautiful lights ahead of the Pran Pratishtha ceremony of Ram Darbar, scheduled for today, June 3. pic.twitter.com/nESAOsQVZm
— ANI (@ANI) June 2, 2025
रामलला के दर्शन करने के बाद राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं। समारोह में शामिल होने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में अयोध्या आ रहे हैं। इसे देखते हुए शहर की सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है। अयोध्या के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि रामनगरी फुलप्रूफ सुरक्षा के लिहाज से परिपूर्ण है। जो भी कार्यक्रम स्थल हैं, वहां पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं। इसके साथ ही जो श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन करने आ रहे हैं, उनको भी कोई दिक्कत न हो, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।
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22 जनवरी 2024 में हुए प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के विद्वान पंडितों ने निकाला था। लेकिन इस बार प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त के प्रकांड पंडितों ने निकाला है। इनमेंअयोध्या के प्रख्यात आचार्य पंडित प्रदीप शर्मा, आचार्य राकेश तिवारी और आचार्य रघुनाथ दास शास्त्री ने प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकाला है। 5 जून को गंगा दशहरा भी है। कहा जाता है कि गंगा दशहरा से ही द्वापर युग की शुरुआत होती है। इसी दिन रामेश्वरम की स्थापना भी हुई थी।