आरपी गौतम, अनुप्रिया पटेल (फोटो-सोशल मीडिया)
लखनऊः केंद्रीय मंत्री व अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। राजकुमार पाल की बगावत के बाद अब पार्टी नेतृत्व ने आरपी गौतम पर भरोसा जताया है। गौतम की नियुक्ति से स्पष्ट हो गया है कि अपना दल भी दलित पॉलिटिक्स करना चाहती है।
इससे पहले 25 मई को अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाया और इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि मैं रबर स्टैंप के तौर पर काम नहीं कर सकता हूं। मेरा पार्टी के अंदर शोषण हो रहा है। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा मैं नहीं सह सकता हूं।
पिछड़ा और दलित समीकरण सेट कर रही अनुप्रिया
इससे पहले आरपी गौतम पार्टी के सहकारिता मंच प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ये सीतापुर जिले के रहने वाले हैं और दलित (जाटव) वर्ग से आते हैं। आरपी गौतम को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अनुप्रिया और आशीष पटेल ने पिछड़ा और दलित समीकरण बनाने की कोशिश की है। खास बात है कि दलितों में जाटव वर्ग संख्या बल और आर्थिक रूप से मजबूत माना जाता है।
पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने क्या कहा?
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि आरपी गौतम की छवि मिलनसार और निचले तबके से गहरा जुड़ाव रखने वाले नेता के रूप में रही है। उनकी संगठनात्मक क्षमता और सामाजिक अनुभव को देखते हुए यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में पार्टी यूपी में और सशक्त होगी।
आदरणीय जाटव आर.पी. गौतम जी को @ApnaDalOfficial उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं । @ApnaDalUP pic.twitter.com/A9mtd0moXN
— Apna Dal (S) (@ApnaDalOfficial) May 29, 2025
पंचायत चुनाव में टेस्ट होगी सोशल इंजीनियरिंग
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक हफ्ते पहले ही अनुप्रिया पटेल ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी। ऐसे में आरपी गौतम को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उन्होंने ‘दलित कार्ड’ खेला है। इसका फायदा उन्हें पंचायत चुनाव में मिल सकता है।