सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (फोटो- सोशल मीडिया)
Akhilesh Yadav on Codeine Syrup Case: उत्तर प्रदेश की सियासत में कोडीन कफ सिरप मामले ने भूचाल ला दिया है और अब यह मुद्दा सीधे मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग में बदल गया है। शनिवार को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम योगी आदित्यनाथ के शायराना तंज का करारा जवाब दिया। अखिलेश ने मुख्यमंत्री पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि सरकार इस मामले में अपनी नाकामियां छिपा रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अपना चेहरा तो पोंछा नहीं गया और आईना बेवजह तोड़कर रख दिया।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कफ सिरप मामले में समाजवादी पार्टी का कनेक्शन बताते हुए अखिलेश यादव पर निशाना साधा था और कहा था कि धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा। इसके जवाब में अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि कोडीन को लेकर सरकार बहुत सी बातें छिपा रही है। तस्वीरों की राजनीति पर उन्होंने साफ कहा कि अगर मेरे साथ खड़े होने वाला माफिया है, तो मेरी तस्वीर तो मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम के साथ भी है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर तस्वीर ही पैमाना है, तो उन तस्वीरों को देखकर किसे माफिया माना जाए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में सरकार को चुनौती देते हुए एक बड़ी मांग रख दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर इस मामले के आरोपी समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं, तो मैं खुद पार्टी की ओर से मांग करता हूं कि उन पर बुलडोजर चलाया जाए। उन्होंने कहा कि चाहे वो कालीन भैया हों या कोडीन भैया, उन सब पर बुलडोजर चलना चाहिए जिन्होंने हजारों करोड़ का खेल किया है। अखिलेश ने यह भी कहा कि यह मामला 100-200 करोड़ का नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का है और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से इतना बड़ा रैकेट चलना गंभीर सवाल खड़े करता है।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने फिर से शायरी के जरिए योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इनका कसूर यही रहा कि दिखाने को औरों के बच्चे गोद में खिलाते रहे, पर पैसों के लालच में दूसरे बच्चों की जान दांव पर लगाते रहे। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार अपनों को हर हाल में बचा रही है और उनके गुनाह छिपा रही है। जब राज खुलने लगे तो वे दूसरों पर इल्जाम लगाने लगे। उन्होंने कहा कि जब सत्ता पक्ष के लोग खुद फंसने लगे तो वे अब पुरानी तस्वीरें दिखाकर मामले को भटकाने और इसे सपा का बताने की कोशिश कर रहे हैं।