सीएम योगी, पीडीए पाठशाला
UP News: उत्तर प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए खुशखबरी है। समाजवादी पार्टी के मुखर विरोध के बाद स्कूलों के मर्जर फुल स्टॉप लग गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी पुष्टि स्वयं की है। यूपी विधानसभा में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश में एक भी स्कूल बंद नहीं होंगे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत ऐसे स्कूलों को मर्ज किया जाना था, जिसमें छात्रों की संख्या 50 से कम है। साथ स्कूलों की हालात जर्जर है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं होगी। साथ ही शिक्षा की क्वालिटी में सुधार आएगा।
वहीं समाजवादी पार्टी का कहना था कि इस योजना के तहत सरकार 50 हजार स्कूल बंद हो जाएंगे। इससे हर दूसरा गांव प्रभावित होगा। जो बच्चे अपने नजदीकी गांव में स्कूल जाते हैं। उनका स्कूल बंद हो जाएगा तो वे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। स्कूलों के मर्जर के विरोध में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेशभर में सपा कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराया और PDA पाठशाला चलाया। हालांकि पीडीए पाठशाला पर भाजपा ने बच्चों के जरिए राजनीतिक करने का भी आरोप लगाया। इसके बावजूद भी पीडीए पाठशाला जगह-जगह चलाए गए। जिसकी प्रदेश भर में खूब चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में आज कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रदेश सरकार किसी भी विद्यालय को बंद नहीं करने जा रही है। किसी भी विद्यालय को बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि बच्चों के लिए इंटिग्रेटेड कैंपस बनने चाहिए। जहां से बच्चे प्री प्राईमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी लेवल तक की स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सकें। उसी का मॉडल अटल आवासी विद्यालय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अपने बच्चों को विदेश पढ़ने भेजते हैं। श्रमिकों के बच्चों का विद्यालय बंद करते थे। उनके लिए सुविधा नहीं देते थे। आज हम उन बच्चों के लिए पीएम श्री, सीएम अभ्युदय विद्यालय और सीएम कंपोजिट विद्यालय बनाने जा रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा कस्तूरबा गांधी विद्यालयों को हम अपग्रेट कर रहे हैं। पहले कस्तूरबा गांधी विद्यालय 8वीं तक थे। अब उन विद्यालयों को 12 वीं तक कर रहे हैं। बच्चियां वहीं इंटर तक पढ़ सकेंगी। सीएम ने खुद बताया कि 27 हजार विद्यालयों को हमने कहा कि जिन दो विद्यालयों के बीच 1 किलोमीटर से दूरी कम है। उनमें छात्रों कम हैं और शिक्षकों की कमी है। हम उन्हें मर्ज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 22 बच्चों पर हमने एक शिक्षक लक्ष्य रखा है। ऐसा सिर्फ यूपी में नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी किया गया तो हल्ला नहीं मचाया। अब हमारी सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए कुछ कर रही है तो आप हल्ला मचा रहे हैं।