69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी (सोर्स-सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के बाद एक फिर अभ्यर्थी सड़क पर आ गए हैं। सोमवार को शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने प्रदेश की राजधानी में फिर से धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों ने एक बार फिर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया। सुप्रीम कोर्ट से लौटने के बाद एक बार फिर 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया।
अभ्यर्थी इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा दिए गए फैसले का पालन न किए जाने से नाराज हैं। इसको लेकर वे केशव प्रसाद के घर के सामने धरने पर बैठ गए हैं। यहां भारी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। यहां बैठे अभ्यर्थी केशव चाचा न्याय करो का नारा लगाकर धरने पर बैठ गए हैं।
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अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर हाईकोर्ट के फैसले को लटकाए रखा, जिसके चलते अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। सरकार के पास काफी समय था, वह हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले का पालन कर सबके साथ न्याय कर सकती थी।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की मांग है कि पुरानी सूची बनाने वाले अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए और नई सूची नए अधिकारियों की टीम से बनवाई जाए। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में न जाए। इस मामले में अब तक अभ्यर्थी कई नेताओं के सरकारी आवासों का घेराव कर चुके हैं।
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अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है। अभ्यर्थियों के मुताबिक वे पिछले चार दिनों से दर-दर भटक रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा दिए गए फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद सपा और बसपा ने भी योगी सरकार से मांग की है कि अभ्यर्थियों के साथ अन्याय न हो।