प्रतीकात्मक तस्वीर (मुस्लिम छत्राएं)
जौनपुरः उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड की परिक्षाएं चल रही हैं। इस बार कुल 2,72,824 बच्चों ने परीक्षा छोड़ी, लेकिन जौनपुर में 10 छत्राओं के परीक्षा छोड़ने का कारण चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल 10वीं कक्षा की 10 छात्राओं ने हिजाब उतारकर परीक्षा देने से इंकार कर दिया। स्कूल प्रशासन उन्हे हिजाब उतारने को कहा तो छत्राएं वापिस घर लौट आईं। पूरा मामला खुदौली स्थित सर्वोदय इंटर कॉलेज का है।
परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक दिनेश चन्द्र गुप्ता ने कहा कि सेंटर में बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्राएं हिजाब उतारकर परीक्षा दे रही थीं। चार छात्राओं ने हिजाब उतारकर परीक्षा देने से मना कर दिया और परीक्षा छोड़कर चली गईं।
खेतासराय स्थित मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल का सेंटर सर्वोदय इंटर कॉलेज में गया है। स्कूल से कॉलेज की दूरी 4 किलोमीटर है। 10वीं कक्षा का सोमवार को हिंदी की परीक्षा थी। परीक्षा देनें आईं छात्राओं को चेकिंग के बाद क्लास रूम में एंट्री दी जा रही थी। इस दौरान कुछ छत्राएं हिजाब उतारकर क्लासरूम में चली गईं, लेकिन 4 छत्राओं ने हिजाब उतारने से मनाकर दिया।
एक छात्रा के पिता अहमदुल्लाह ने कहा, आज सुबह बच्चियों का हिंदी का पेपर था। पता चला कि बच्चियां स्कूल नहीं जा रही हैं। बच्चियों ने बताया कि हिजाब में पेपर नहीं देने दिया जा रहा। इस पर मैंने बोला- आप लोगों के साथ चलता हूं। चार बच्चियों को लेकर स्कूल पहुंचा। सेंटर में जब एंट्री होने लगी तो बच्चियों को अंदर नहीं जाने दिया गया। गेट पर बोला गया कि आप लोगों को हिजाब उतार करके ही अंदर जाना है।
अब्दुला ने कहा कि मैंने टीचर से कहा कि लेडीज टीचर से चेकिंग करवा लीडिए, लेकिन टीचर नहीं माने। हमदुल्लाह ने कहा- अगर बच्चियों को हिजाब में पेपर देने दिया जाएगा तो हम बच्चियों को भेजेंगे। वरना नहीं भेजेंगे। उन्होंने बताया कि आज जैनब, फातिमा, मरियम, नायमा, उम्मेखौला, रुश्दा, जुबिया, हुमैरा, सिद्दीका, काशिफा ने अपनी परीक्षा छोड़ी है।
उत्तर प्रदेश की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
कॉलेज प्रबंधक बोले- किसी छात्र को परीक्षा देने से नहीं रोका गया
वहीं हिजाब मामले पर कॉलेज प्रबंधन अनिल उपाध्याय ने बताया कि किसी भी छात्रा को परीक्षा देने से नहीं रोका गया। एडमिट कार्ड पर लगी फोटो से चेहरे का वेरिफिकेशन करना था। लेकिन छत्राों ने चेहरे से नकाब हटाने से मना कर दिया। ऐसे में एंट्री देना नियम विरुद्ध होता है। नकाब नहीं हटाने की बात कहते हुए छात्राएं वापिस चली गईं। वहां तैनात स्टाफ ने उन्हें नहीं हटाया। ऐसे में यह कहना कि छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने परीक्षा देने से रोक दिया, गलत है।