कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में स्थिति पेंच नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व घूमने के लिए यहां की शानदार जगहों में से एक है। यहां आकर आप जंगल सफारी का लुत्फ़ उठा सकते हैं। वहीं अब इसमें एक और बेहतरीन चीज जुड़ने जा रही है। यहां अब लंबी चोंच वाले लुप्तप्राय गिद्धों का आशियाना भी बनाया गया है। ऐसे में जब आप पेंच नेशनल पार्क की सैर करने पहुंचेंगे तो उन्हें भी अवलोक सकेंगे।
पेंच बाघ अभयारण्य ने ‘बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी’ (बीएनएचएस) के साथ मिलकर लंबी चोंच वाले लुप्तप्राय गिद्धों का उनके प्राकृतिक आवास में पुनर्वास किया है जो वन्यजीव संरक्षण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पेंच बाघ अभयारण्य (महाराष्ट्र) के उप निदेशक प्रभु नाथ शुक्ला ने रविवार को एक बयान में बताया कि इसके प्रयास 21 जनवरी को शुरू हुए जब हरियाणा के पिंजौर में जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र से लंबी चोंच वाले 10 गिद्ध लाए गए।
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इन गिद्धों को ‘ईस्ट पेंच पिपारिया रेंज’ के ‘सेंट्रल बोडाल्जीरा बीट’ में एक पक्षीशाला में रखा गया जहां उन्होंने स्थानीय जंगली गिद्धों के साथ तालमेल बैठाने के लिए सात महीने का वक्त गुजारा। शुक्ला ने बताया कि कई महीनों तक तैयारी करने और निगरानी करने के बाद 10 अगस्त को वह अहम क्षण आया जब लंबी चोंच वाले गिद्धों को पक्षीशाला से बाहर निकाला गया और उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया जहां उन्होंने जंगली गिद्धों के साथ मिलकर मृत चीतल को खाया।
उन्होंने बताया कि सभी गिद्धों ने मिलकर मृत चीतल को कम समय में पूरा खा लिया जो उनके पुनर्वास की प्रक्रिया की सफलता का संकेत देता है। पक्षीशाला से छोड़े गए सभी गिद्धों में पीटीटी (जीपीएस) टैग लगाया गया है जिससे उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। शुक्ला ने बताया कि पेंच बाघ अभयारण (पीटीआर) और बीएनएचएस जीपीएस टैग के जरिए गिद्धों की आवाजाही पर नजर रखता रहेगा।
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