Remote access applications में क्या होता है। (सौ. Freepik)
Remote access applications Cyber fraud: आज के डिजिटल युग में जहां तकनीक ने हमारी जिंदगी आसान बनाई है, वहीं साइबर अपराधियों ने भी इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया है। रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन (Remote Access Application) उन्हीं तकनीकों में से एक है, जिनका दुरुपयोग करके ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया जा रहा है।
रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जो किसी भी डिवाइस को दूर से नियंत्रित करने की सुविधा देते हैं। इनके जरिए उपयोगकर्ता किसी दूसरे डिवाइस की स्क्रीन, फाइलें और सेटिंग्स तक पहुंच सकता है। AnyDesk, TeamViewer और VNC जैसे एप्लिकेशन इसी श्रेणी में आते हैं। हालांकि ये तकनीकी सहायता, डेटा शेयरिंग और रिमोट वर्क के लिए उपयोगी हैं, लेकिन साइबर ठग इन्हीं टूल्स का दुरुपयोग करके लोगों से संवेदनशील जानकारी चुराते हैं।
ठग अक्सर पीड़ितों को फर्जी टेक्निकल सपोर्ट, बैंकिंग सहायता या किसी लुभावने ऑफर के बहाने ऐसे एप्लिकेशन डाउनलोड करवाते हैं।
आजकल तो ठग फर्जी शादी के कार्ड भी भेजते हैं, जिनमें .apk एक्सटेंशन वाली फाइलें होती हैं। जैसे ही कोई यूजर इन्हें इंस्टॉल करता है, ठग को डिवाइस पर पूरा नियंत्रण मिल जाता है। इसके बाद वे आसानी से बैंक अकाउंट डिटेल्स, पासवर्ड और निजी डेटा चुरा लेते हैं, जिससे लाखों-करोड़ों का नुकसान हो सकता है।
.apk (Android Package) फाइलें एंड्रॉइड एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। साइबर अपराधी इन्हें ईमेल, व्हाट्सऐप या फर्जी वेबसाइट्स के जरिए भेजते हैं। अगर कोई इन्हें खोलता है, तो उसके डिवाइस में मैलवेयर, स्पायवेयर या रैनसमवेयर इंस्टॉल हो सकता है। यही वजह है कि अज्ञात स्रोतों से .apk फाइल कभी भी डाउनलोड या ओपन नहीं करनी चाहिए।
ये भी पढ़े: Realme P4 5G और P4 Pro 5G, भारत में कीमत और लॉन्च डिटेल्स का ऐलान
साइबर अपराधों से बचने का सबसे मजबूत हथियार है जागरूकता और सावधानी। याद रखें – “.apk एक्सटेंशन वाली किसी भी फाइल को कभी न खोलें।” सतर्क रहकर ही आप साइबर ठगी से खुद और अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं।