Digital Arrest में क्या हुआ इस महिला को नुकसान। (सौ. AI)
नवभारत टेक डेस्क: साइबर ठगी का खौफनाक मामला: बुजुर्ग महिला को दो महीने तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर उड़ाए 20 करोड़ रुपये
साइबर अपराधियों की हैरान करने वाली करतूत सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग महिला को करीब दो महीने तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और उसके बैंक खाते से 20 करोड़ रुपये ठग लिए गए। इस दौरान ठगों ने महिला को डराया-धमकाया, यहां तक कि बच्चों की गिरफ्तारी की धमकी भी दी। मामले की जांच करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
यह मामला एक अनजान नंबर से आए कॉल के साथ शुरू हुआ। कॉलर ने खुद को CBI अधिकारी संदीप राव बताया, जो असल में एक साइबर ठग था। उसने महिला पर आरोप लगाया कि उनके नाम और डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके एक बैंक खाता खोला गया है, जिसका उपयोग गैरकानूनी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया। ठग ने यह भी दावा किया कि इस खाते के माध्यम से जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को पैसे भेजे गए हैं।
पुलिस के अनुसार, बुजुर्ग महिला के स्वभाव में अचानक बदलाव आया। घर में काम करने वाली नौकरानी ने नोटिस किया कि महिला अक्सर अपने कमरे में बंद रहतीं, कभी-कभी चिल्लातीं और सिर्फ खाने के लिए बाहर आतीं। जब इस बारे में महिला की बेटी को बताया गया, तो मामला खुलकर सामने आया।
ठगों ने महिला को यह विश्वास दिलाया कि CBI की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम इस केस की जांच कर रही है और शिकायत दर्ज हो चुकी है। WhatsApp कॉल के दौरान महिला को धमकाया गया कि उनके बच्चों को गिरफ्तार किया जा सकता है और बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा।
महिला को यह कहकर डराया गया कि उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जा चुका है। ठगों ने दावा किया कि अगर उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया, तो पुलिस उनके घर पहुंचकर गिरफ्तारी कर लेगी।
ठगों ने महिला को “डिजिटल इंडिया मूवमेंट” का हवाला देते हुए भरोसा दिलाया कि बिना पुलिस स्टेशन जाए, वे ऑनलाइन इन्वेस्टिगेशन में मदद कर सकती हैं। इसके बहाने से ठगों ने महिला की बैंक डिटेल्स और अन्य गोपनीय जानकारियां हासिल कर लीं।
महिला को लगातार डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और रिश्तेदारों से बातचीत करने तक की मनाही कर दी गई। इस दौरान महिला ने अपने बिजनेस और फैमिली की आर्थिक जानकारी ठगों के साथ साझा कर दी, जिससे अपराधियों को पूरी स्थिति समझने में मदद मिली।
फर्जी CBI अधिकारी संदीप राव और एक अन्य ठग, जिसने खुद को राजीव रंजन बताया, महिला को हर 2-3 घंटे में कॉल करते और उनकी लोकेशन पूछते। महिला को यह यकीन दिलाया गया कि अगर वह इस केस से अपना नाम हटवाना चाहती हैं, तो एक प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
महिला को यह झांसा दिया गया कि अगर वह खुद को निर्दोष साबित करना चाहती हैं, तो उन्हें अपने बैंक खाते की पूरी रकम कोर्ट के अकाउंट में ट्रांसफर करनी होगी। ठगों ने यह भी वादा किया कि जांच पूरी होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे। लेकिन, जैसे ही पैसे ट्रांसफर हुए, साइबर अपराधी गायब हो गए।
टेक्नोलॉजी की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
जब महिला को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ, तो 4 मार्च को उन्होंने FIR दर्ज करवाई। पुलिस ने तेजी से जांच करते हुए मीरा रोड इलाके से 20-20 साल के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।