नई तकनीक जो दिलाएगी फायदा। (सौ. AI)
Hydroponics Method: अब घर में रहकर ही ताजी, हरी सब्जियां उगाना मुमकिन होगा – वो भी बिना मिट्टी के। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित हाइड्रोपोनिक्स विधि के जरिए अब बेडरूम, बालकनी या छत पर भी टमाटर, खीरा, पालक, धनिया, मिर्च, पुदीना, तुलसी जैसी सब्जियां आसानी से उगाई जा सकेंगी।
इस अत्याधुनिक तकनीक में मिट्टी का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता। इसके बजाय नारियल के रेशों में बीज डाले जाते हैं, जो एक चार इंच मोटी पाइप में भर दिए जाते हैं। इन पाइपों में छोटे-छोटे छेद कर रेशों को नमी देने के लिए हल्के पानी के छींटे मारे जाते हैं। इससे अंकुरण शुरू होता है और पौधे बाहर निकलने लगते हैं।
पाइपों में पानी के साथ सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाकर पौधों तक पहुंचाया जाता है, जिससे उन्हें अच्छी बढ़त मिलती है। इस तकनीक में न बुआई का झंझट है, न ही खुदाई या मिट्टी की देखभाल।
“घरों में सब्जियों की खेती संभव होगी। लोगों को जानकारी दी जाएगी। इसके लिए विभाग से संपर्क कर सकते हैं।” डॉ. गगनदीप सिंह, जिला कृषि अधिकारी
हाइड्रोपोनिक्स विधि खास तौर पर उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शहरी इलाकों में रहते हैं और जिनके पास खेती के लिए जगह या समय नहीं है। खिड़कियों से आने वाली सूरज की किरणें ही पौधों के लिए पर्याप्त होंगी।
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इस विधि में सिर्फ कम गहराई वाली जड़ों वाली सब्जियां ही उगाई जा सकती हैं। आलू, गाजर जैसी गहराई में उगने वाली फसलें इसमें संभव नहीं होंगी।
कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से उगाए गए पौधे सिर्फ 30 से 40 दिनों में फल देने लगते हैं। विभाग जल्द ही इस विधि की जानकारी किसानों और आम नागरिकों को देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करेगा।