Phone Charging को लेकर ध्यान रखें ये बातें। (सौ. Freepik)
Unplugging the charger: अक्सर लोग मोबाइल फोन चार्ज होने के बाद तो चार्जर हटा लेते हैं लेकिन चार्जर को सॉकेट में ही लगा छोड़ देते हैं। कई बार तो सॉकेट का बटन तक बंद नहीं किया जाता। लोगों को लगता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत न केवल बिजली की बर्बादी करती है बल्कि गैजेट और घर की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती है।
चार्जर जब फोन से कनेक्ट नहीं होता, तब भी वह बिजली खींचता रहता है। दरअसल, चार्जर के अंदर लगा ट्रांसफॉर्मर और सर्किट हर समय चार्जिंग के लिए तैयार रहते हैं। यही छिपी हुई बिजली खपत ‘Vampire Power’ या फैंटम लोड कहलाती है। यानी, बिना इस्तेमाल किए भी उपकरण बिजली का उपभोग करते रहते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक चार्जर 0.1 से 0.5 वॉट तक बिजली खींच सकता है। जब कई चार्जर, टीवी और कंप्यूटर जैसे गैजेट लंबे समय तक प्लग-इन रहते हैं तो यह खपत बढ़कर बिजली बिल पर असर डालती है। भले ही यह खपत रोजाना मामूली लगे, लेकिन महीने भर और साल भर में यह हजारों रुपये का अतिरिक्त बोझ आपके जेब पर डाल सकती है।
चार्जर को सॉकेट में छोड़ने का एकमात्र फायदा यही है कि आपको बार-बार उसे प्लग करने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन इस छोटे से आराम के बदले आपको ज्यादा बिल, सुरक्षा खतरे और डिवाइस की कम उम्र जैसी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि चार्जिंग पूरी होने के बाद चार्जर को तुरंत सॉकेट से निकाल लेना चाहिए। यह न केवल बिजली बचाने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि आपके डिवाइस और घर की सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है।