बच्चों का स्कूल में फोन इस्तेमाल नहीं कर सकते। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: जहां भारत में शिक्षक वर्षों से कक्षा में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं फिनलैंड ने इस दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठा लिया है। 29 अप्रैल को फिनलैंड की संसद ने एक नया कानून पारित किया है, जिसके तहत अगस्त 2025 से स्कूलों की कक्षाओं में मोबाइल फोन के उपयोग पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लागू होगा। यह नियम प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर के सभी स्कूलों पर समान रूप से लागू रहेगा।
इस कानून के तहत छात्र अपने मोबाइल फोन स्कूल में ला तो सकेंगे, लेकिन कक्षा के दौरान उन्हें अनिवार्य रूप से अपने बैग में रखना होगा। केवल आपातकालीन परिस्थितियों या विशेष रूप से सक्षम छात्रों को ही मोबाइल फोन उपयोग की अनुमति दी जाएगी, वो भी पहले से स्वीकृत अनुमति के आधार पर।
यदि कोई छात्र नियम का उल्लंघन करता है और कक्षा में मोबाइल का उपयोग करता है, तो स्कूल स्टाफ को उसका फोन जब्त करने का अधिकार होगा। साथ ही, सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल के लिए स्पष्ट, कठोर और व्यावहारिक दिशानिर्देश तैयार करें।
“शांत और केंद्रित माहौल बच्चों के लिए अनिवार्य” — शिक्षा मंत्री
फिनलैंड के शिक्षा मंत्री आंडर्स ऐडलरक्रेट्ज़ ने इस कानून को छात्रों के हित में उठाया गया आवश्यक सुधार बताया। उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि सरकार इस महत्वपूर्ण कानून को अंतिम रूप तक ले आई। यह सुधार छात्रों को पढ़ाई पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने और सामाजिक कौशल विकसित करने में मदद करेगा।”
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध तकनीक विरोधी नहीं है। स्कूलों में डिजिटल टूल्स का उपयोग राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के अनुसार जारी रहेगा, लेकिन यह कदम छात्रों को अनियंत्रित और ध्यान भटकाने वाले मोबाइल उपयोग से बचाने के लिए जरूरी है।
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आज की दुनिया में बच्चों और किशोरों में मोबाइल की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है। शोध बताते हैं कि अधिक स्क्रीन टाइम से छात्रों की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कमजोर होती है, नींद की गुणवत्ता गिरती है, और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कक्षा में मोबाइल का बार-बार इस्तेमाल न सिर्फ पढ़ाई में रुकावट डालता है, बल्कि छात्रों को सामाजिक रूप से भी अलग-थलग कर देता है।