ISRO करेंंगा केदारनाथ में हेली सेवा। (सौ. AI)
Kedarnath Hell Service ISRO Safety Cover: केदारनाथ धाम में हेली सेवाओं की सुरक्षा अब और मज़बूत होने जा रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए सहमति जताई है। नागरिक उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे के अनुसार, इस पखवाड़े में ISRO के विशेषज्ञों की टीम उत्तराखंड पहुंचेगी और तकनीकी परीक्षण करेगी।
इस वर्ष 15 जून को गौरीकुंड के पास हुए दर्दनाक हेली हादसे के बाद सरकार ने तय किया था कि हेली सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था को नए स्तर पर ले जाया जाएगा। इसके लिए ISRO की मदद से डिजिटल एलिवेशन मॉडल (DEM) तैयार किया जाएगा, जो GPS सिस्टम से जुड़ा होगा। इससे हेली सेवाओं की लाइव लोकेशन ट्रैकिंग संभव होगी।
यह सिस्टम न केवल कंट्रोल रूम को हर पल हेलीकॉप्टर की स्थिति बताएगा, बल्कि पायलट को भी आसपास के इलाके की मौसम और भौगोलिक स्थिति की सही जानकारी मिलेगी। इससे उड़ान भरना और यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाना और भी आसान हो जाएगा।
उत्तराखंड के लिए यह साल हेलीकॉप्टर हादसों के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। 8 मई से 15 जून के बीच राज्य में पांच हवाई हादसों में 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
इन घटनाओं ने सरकार और प्रशासन को मजबूर कर दिया कि हेली सेवाओं की सुरक्षा के लिए ठोस इंतज़ाम किए जाएं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह, पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
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हेली सेवाओं की सुरक्षा को और मज़बूत बनाने के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। यह समिति हेली सेवाओं के लिए नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है।
ISRO द्वारा विकसित किया जा रहा DEM सिस्टम हेली सेवाओं का वास्तविक सुरक्षा कवच बनेगा। इसके जरिए पायलट उड़ान भरने से पहले और उड़ान के दौरान मौसम व भू-आकृति की सटीक जानकारी ले सकेंगे। सचिव सचिन कुर्वे ने पुष्टि की, “इसरो के विशेषज्ञ जल्द ही उत्तराखंड आकर अपने उपकरणों का परीक्षण करेंगे।”