AI का होगा भारत में नया जन्म। (सौ. X)
Global AI Summit 2026: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत मंडपम में आयोजित उभरती विज्ञान, तकनीक और इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC 2025) के दौरान घोषणा की कि भारत अब “मानव-केंद्रित” और “एथिकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)” के लिए एक ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि देश में AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर काम तेजी से चल रहा है, जिसे अगले साल पेश किया जाएगा। साथ ही, फरवरी 2026 में भारत ग्लोबल AI समिट की मेजबानी भी करेगा।
ESTIC 2025 के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार एक समग्र AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर कार्य कर रही है, जो यह तय करेगा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किन क्षेत्रों में किया जा सकता है और इसकी सीमाएं क्या होंगी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि “AI का उपयोग मानवता के कल्याण और जिम्मेदार दृष्टिकोण से होना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल भारत की वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में बड़ी भूमिका निभाएगी। “भारत अब सिर्फ तकनीक का उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि तकनीक का निर्माता और मार्गदर्शक भी बन रहा है,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने “रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (RDI) स्कीम” की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य देश में प्राइवेट सेक्टर के रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है। PM मोदी ने कहा, “हमने 1 लाख करोड़ रुपये का कोष बनाया है जो रिसर्च-आधारित इनोवेशन, खासकर AI और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि ‘Ease of Doing Research’ का सिद्धांत भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम को अधिक आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
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प्रधानमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि भारत फरवरी 2026 में “ग्लोबल AI समिट” की मेजबानी करेगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य नैतिक, समावेशी और मानव-केंद्रित AI विकास को बढ़ावा देना होगा। इस आयोजन में दुनियाभर के AI विशेषज्ञ, तकनीकी कंपनियां और सरकारें हिस्सा लेंगी। इससे पहले Google और OpenAI जैसी दिग्गज कंपनियां भी भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश का ऐलान कर चुकी हैं। यह दर्शाता है कि भारत अब तेजी से ग्लोबल AI हब के रूप में उभर रहा है।