BharatNet Phase-3 क्या है। (सौ. AI)
भारत सरकार ने देश के डिजिटल भविष्य को सशक्त बनाने के लिए ‘भारतनेट फेज-3‘ योजना की घोषणा की है, जिसके तहत आने वाले तीन वर्षों में 6 लाख गांवों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना पर ₹1.39 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश किया जाएगा। यह जानकारी टेलीकॉम सचिव नीरज मित्तल ने CII-GCC बिजनेस समिट में दी।
इस योजना के तहत देश की सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और उनसे जुड़े करीब 6 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत करना है, बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) को भी सशक्त बनाना है। नीरज मित्तल ने कहा, “तीन सालों के अंदर सभी पंचायतों और गांवों को हाई-स्पीड नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा।”
इस परियोजना में मोबाइल टावरों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का भी प्रावधान है, जिससे नेटवर्क की गति और गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा। यह कदम देश को भविष्य की 6G तकनीक के लिए भी तैयार करेगा। सरकार सार्वजनिक Wi-Fi सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खाली करने की दिशा में भी काम कर रही है।
मित्तल ने बताया कि भारत में 1GB डेटा की कीमत केवल 9 सेंट यानी ₹7-8 के आसपास है, जबकि वैश्विक औसत $2.6 यानी ₹215 है। इसके साथ ही भारत की औसत ब्रॉडबैंड स्पीड अब 138 Mbps तक पहुंच चुकी है। जहां GCCs मौजूद हैं, वहां 99.6% क्षेत्र पहले ही 5G कवरेज में है; केवल दो जिले ऐसे हैं जहां 5G सेवा नहीं पहुंची है।
सरकार का उद्देश्य केवल कनेक्टिविटी बढ़ाना नहीं, बल्कि इस योजना के ज़रिए टेलीकॉम क्षेत्र में स्टार्टअप्स, SMEs और रिसर्च एंड डेवलपमेंट को भी प्रोत्साहन देना है। इसके साथ ही विदेशी कंपनियों के लिए केबल लैंडिंग स्टेशन से जुड़ी मंजूरियों को आसान बनाने के लिए एक सिंगल-विंडो पोर्टल की भी योजना तैयार की जा रही है।
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भारतनेट फेज-3 को केवल एक तकनीकी परियोजना नहीं बल्कि एक डिजिटल क्रांति की शुरुआत माना जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और ई-गवर्नेंस सेवाओं की पहुंच सरल होगी। गांवों में डिजिटल समावेश बढ़ेगा और ग्रामीण भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से कदम बढ़ाएगा।