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Fitness Gadgets: सेहत पर कितना भरोसेमंद है इनका डेटा?

Digital Health: डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में लोग अपने ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और फिटनेस लेवल पर लगातार नजर रखने के लिए कई चीजों का इस्तेमाल करते है।

  • By सिमरन सिंह
Updated On: Aug 21, 2025 | 06:04 PM

Fitness Gadgets में क्या है नया। (सौ. Pixabay)

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Fitness Gadgets: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियां तेजी से युवाओं को प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में लोग अपने ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और फिटनेस लेवल पर लगातार नजर रखने लगे हैं। यही वजह है कि फिटनेस ट्रैकर्स, स्मार्टवॉच, रिंग्स और हेल्थ बैंड्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। कंपनियां इन्हें रियल टाइम डेटा, अलर्ट और हेल्थ सजेशंस देने वाले डिवाइस के तौर पर मार्केट कर रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि इन पर भरोसा कितना किया जा सकता है?

वियरेबल्स: कितने सटीक हैं ये आंकड़े?

आज अधिकतर फिटनेस डिवाइस केवल बेसिक डेटा जैसे स्टेप काउंट, हार्ट रेट और कैलोरी बर्न तक ही सीमित हैं। कुछ एडवांस गैजेट्स ही ईसीजी, ब्लड ऑक्सीजन लेवल और स्लीप एनालिसिस जैसी डिटेल्ड रिपोर्ट उपलब्ध कराते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में एआई आधारित एल्गोरिद्म इन डेटा को और सटीक बनाएंगे और शुरुआती स्तर पर बीमारियों के लक्षण पहचानने में मदद करेंगे।

कई डिवाइसेज अब रिकवरी स्कोर, स्लीप स्कोर और स्ट्रेस लेवल भी बताती हैं। ये फीचर्स शरीर की वर्तमान स्थिति का संकेत जरूर देते हैं, लेकिन इन्हें मेडिकल जांच का विकल्प नहीं माना जा सकता।

डिजिटल हेल्थ का बढ़ता दायरा

फिटनेस ट्रैकर्स का इतिहास काफी पुराना है। 1964 के टोक्यो ओलंपिक में जापान ने “मैनपो-केई” नामक पैडोमीटर पेश किया था, जिसमें 10,000 कदम का लक्ष्य तय किया गया था। इसके बाद 2009 में Fitbit ने एक्सेलेरोमीटर लांच कर इस ट्रेंड को और लोकप्रिय बनाया। 2014 में एप्पल वॉच के आने के बाद से फिटनेस वियरेबल्स की मांग में जबरदस्त उछाल आया।

आज ये डिवाइस न सिर्फ हार्ट रेट और ऑक्सीजन लेवल बल्कि शरीर के तापमान और यहां तक कि ग्लूकोज मॉनिटरिंग तक सक्षम हो चुकी हैं। यही नहीं, टेलीमेडिसिन और रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग में भी इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है।

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डेटा प्राइवेसी और मेडिकल विश्वसनीयता

हालांकि, इन डिवाइसेज के जरिए इकट्ठा होने वाला संवेदनशील डेटा एक बड़ा सवाल खड़ा करता है—क्या ये आंकड़े सुरक्षित हैं? बीते समय में कई कंपनियों के डेटा लीक के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, डॉक्टर भी इन गैजेट्स से मिले स्कोर पर पूरी तरह भरोसा करने से कतराते हैं।

डॉ. मोनिका महाजन के अनुसार, “ग्लूकोज मॉनिटरिंग और हार्ट रेट ट्रैकिंग जैसे फीचर्स डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं, लेकिन इन डिवाइसेज को अंतिम मेडिकल निर्णय का आधार नहीं माना जा सकता।”

ध्यान दें

फिटनेस गैजेट्स स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक अहम साधन हैं। ये आपको एक्टिव रहने, नींद सुधारने और फिटनेस गोल्स तय करने में मदद जरूर कर सकते हैं। लेकिन इन्हें मेडिकल टेस्ट का विकल्प मानना गलत होगा। सही सेहत के लिए डॉक्टर की सलाह और नियमित जांच हमेशा आवश्यक है।

Fitness gadgets how reliable is their data on health

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Published On: Aug 21, 2025 | 06:04 PM

Topics:  

  • Digital Technology
  • Fitness Tips
  • Tech News

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