IT and semiconductor sector (सौ. AI)
नवभारत टेक डेस्क: भारत सरकार ने मोबाइल फोन, आईटी हार्डवेयर, सेमीकंडक्टर योजना और इंडियाएआई मिशन जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन में 84% की भारी वृद्धि की है। अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए इन योजनाओं को 18,000 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी, जिससे देश में टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी।
वित्त वर्ष 2024-25 में इन परियोजनाओं के लिए 9,766 करोड़ रुपये का संशोधित बजट था, जिसे अब 18,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है। खासकर, इंडियाएआई मिशन के लिए आवंटन 11 गुना बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपये किया गया है। इस मिशन के तहत, देश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बुनियादी ढांचे के विकास को गति दी जाएगी, जिसमें सुपरकंप्यूटर और अन्य अत्याधुनिक तकनीक शामिल हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष में 17,566.31 करोड़ रुपये का संशोधित बजट मिला था, जिसे 2025-26 के लिए 48% बढ़ाकर 26,026.25 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे देश में आईटी सेक्टर, स्टार्टअप और बड़े टेक्नोलॉजी इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
भारत सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत मोबाइल फोन निर्माण के लिए 8,885 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आवंटन किया गया है। इस योजना से एप्पल विक्रेता फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, डिक्सन टेक्नोलॉजीज और लावा इंटरनेशनल जैसी कंपनियों को लाभ मिलेगा, जिससे देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी।
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सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए बजट को दोगुना कर 2,499.96 करोड़ रुपये किया गया है। इस सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार को 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निवेश प्रतिबद्धता मिल चुकी है। इससे भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की योजना को बल मिलेगा।