
Apple ने अपने यूजर्स को दी चेतावनी। (सौ. AI)
Google Chrome Warning iPhone Users: Apple ने iPhone यूज़र्स को एक बड़ा सुझाव दिया है Google Chrome का इस्तेमाल बंद करें। कंपनी का दावा है कि उसका अपना ब्राउज़र Safari, Chrome की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित है और यूज़र प्राइवेसी को बेहतर तरीके से बचाता है। Apple के अनुसार, Safari वेबसाइटों और विज्ञापनदाताओं को यूज़र का “यूनिक डिजिटल फिंगरप्रिंट” तैयार करने से रोकता है, जिससे किसी की ऑनलाइन प्रोफाइल बनाना लगभग असंभव हो जाता है। सफारी एक ऐसी लेयर तैयार करता है कि ट्रैकिंग सिस्टम सभी यूज़र्स को एक जैसी प्रोफाइल दिखाता है ।
Apple के Chrome से दूरी बनाने वाले बयान ने दोनों टेक दिग्गजों की दोस्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गौर करने वाली बात यह है कि गूगल, ऐप्पल डिवाइसेस पर डिफॉल्ट ब्राउज़र बने रहने के लिए हर साल अरबों रुपये चुकाता है। साल 2021 में गूगल ने Apple को लगभग 18 बिलियन डॉलर (करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये) दिए थे, सिर्फ इसलिए कि iPhone में लिंक Chrome पर खुले।
ये सेटिंग यूज़र की पसंद पर निर्भर है वह चाहे तो सफारी इस्तेमाल कर सकता है या Chrome अनइंस्टॉल भी कर सकता है। लेकिन गूगल की इस मोटी रकम के पीछे उसकी मुख्य दिलचस्पी Apple यूज़र्स की आदतों और व्यवहार का डेटा हासिल करना है, जिसे वह विज्ञापनदाताओं को बेचकर कमाई करता है।
ऐप्पल की App Tracking Transparency (ATT) फीचर से जहाँ Facebook जैसे ऐप्स को भारी नुकसान हुआ, वहीं गूगल और उसके ऐप्स को इससे लगभग छूट मिली हुई है। इसी वजह से दोनों कंपनियों के बीच यह ‘दोस्ती’ सालों से चल रही थी पर अब इसमें खटास दिखने लगी है।
Apple की चेतावनी की वजह गूगल का डिजिटल फिंगरप्रिंटिंग बैन हटाना है। डिजिटल फिंगरप्रिंटिंग का मतलब है आपकी हर ऑनलाइन हरकत को ट्रैक करके एक विशिष्ट डिजिटल पहचान बनाना।
जैसे: आप क्या सर्च करते हैं, कौन सी ऐप्स कितनी देर इस्तेमाल करते हैं, किस तरह का कंटेंट देखते हैं, क्या खरीदते हैं…
यह सारी जानकारी एक प्रोफाइल में बदल दी जाती है, जिसे विज्ञापन कंपनियों को भेजा जाता है। यही वजह है कि आपको आपकी पसंद से जुड़े विज्ञापन लगातार दिखाई देते हैं। Apple की नज़र में गूगल की यह ट्रैकिंग “यूज़र प्राइवेसी के खिलाफ” है। इसलिए वह यूज़र्स को Chrome और अन्य गूगल ऐप्स से दूर रहने की सलाह दे रहा है। हालाँकि, यह सिर्फ सुझाव है, Apple ने किसी भी ऐप पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।
ये भी पढ़े: सावधान! 2026 में स्मार्टफोन लैपटॉप हो सकते हैं महंगे, जानें आपको कितना ज्यादा देना पड़ेगा पैसा
अब बड़ा सवाल यह है कि iPhone यूज़र करेंगे क्या? क्योंकि अंत में सर्च तो गूगल पर ही करनी होती है। Safari सुरक्षित है, पर गूगल सर्च से बचना लगभग नामुमकिन। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि Apple अपने यूज़र्स को सुरक्षा और सुविधा के बीच कौन सा संतुलन देता है और क्या यह दोनों दिग्गज कंपनियों के रिश्तों में और तनाव पैदा करेगा।






