
YouTube (Source. Pixabay)
YouTube AI videos: YouTube पर बीते कुछ महीनों में AI से बनाए गए वीडियो की संख्या तेजी से बढ़ी है। भले ही प्लेटफॉर्म लगातार यह दावा करता रहा हो कि वह कम गुणवत्ता वाले कंटेंट पर सख्ती कर रहा है, लेकिन एक नई रिसर्च रिपोर्ट ने इस दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नए यूज़र्स को सुझाए जाने वाले हर पांच में से एक वीडियो AI से बना “लो-क्वालिटी कंटेंट” होता है, जिसे अब आम भाषा में AI स्लॉप कहा जाने लगा है।
वीडियो एडिटिंग कंपनी Kapwing ने 15,000 लोकप्रिय YouTube चैनलों का गहराई से विश्लेषण किया। इस स्टडी का उद्देश्य यह समझना था कि AI से बने वीडियो कितनी बड़ी मात्रा में प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं और उन्हें व्यूज़ व सब्सक्राइबर्स किस स्तर तक मिल रहे हैं। रिपोर्ट में सामने आया कि 20% से ज्यादा रिकमेंडेड वीडियो AI स्लॉप कैटेगरी में आते हैं, खासकर तब जब कोई यूज़र नया अकाउंट बनाता है।
रिसर्च के दौरान यह भी सामने आया कि 15,000 चैनलों में से 278 चैनल ऐसे हैं जो सिर्फ AI स्लॉप वीडियो ही अपलोड करते हैं। हैरानी की बात यह है कि इन चैनलों को मिलकर करीब 63 अरब व्यूज़ और 22.1 करोड़ सब्सक्राइबर्स मिल चुके हैं। इससे साफ है कि कम गुणवत्ता के बावजूद इस तरह का कंटेंट दर्शकों तक तेजी से पहुंच रहा है।
रिपोर्ट का सबसे बड़ा उदाहरण भारत से सामने आया है। Kapwing के अनुसार, YouTube पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले AI स्लॉप चैनल का नाम “Bandar Apna Dost” है, जिसके 2.4 अरब से ज्यादा व्यूज़ हैं। इस चैनल के वीडियो में AI से बनाए गए किरदार दिखते हैं, जैसे इंसानों जैसी हरकत करने वाला बंदर और एक बेहद ताकतवर, हल्क जैसे दिखने वाला कैरेक्टर, जो राक्षसों से लड़ता नजर आता है।
YouTube की मौजूदा पॉलिसी के अनुसार AI स्लॉप वीडियो को मॉनिटाइज नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन Kapwing का अनुमान है कि ये चैनल अलग-अलग तरीकों से सालाना करीब 117 मिलियन डॉलर की कमाई कर सकते हैं। सिर्फ “Bandar Apna Dost” चैनल की संभावित सालाना कमाई 4.25 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
रिसर्च के दौरान जब एक नया YouTube अकाउंट बनाया गया, तो शुरुआती 500 रिकमेंडेड वीडियो में से 104 वीडियो सीधे तौर पर AI स्लॉप पाए गए। इसके अलावा करीब एक-तिहाई वीडियो ऐसे थे जिन्हें रिसर्चर्स ने “ब्रेन रॉट” कंटेंट की श्रेणी में रखा।
AI स्लॉप उस डिजिटल कंटेंट को कहा जाता है जो कम गुणवत्ता का होता है और AI टूल्स की मदद से बड़ी मात्रा में तैयार किया जाता है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि अमेरिकी डिक्शनरी Merriam-Webster ने साल 2025 के लिए slop को Word of the Year तक घोषित कर दिया है।
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Instagram, X और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स पर यूज़र्स लगातार शिकायत कर रहे हैं कि उनके फीड AI स्लॉप से भरते जा रहे हैं। जवाब में कंपनियों ने पॉलिसी सख्त की है और कुछ बड़े फर्जी चैनलों पर कार्रवाई भी की है। हालांकि, दूसरी ओर बड़ी टेक कंपनियां AI कंटेंट को सोशल मीडिया का भविष्य भी मान रही हैं, जिससे यह बहस और तेज हो गई है।






