Data security में क्या क्या होना चाहिए। (सौ. Pixabay)
Digital Identity: आज के डिजिटल दौर में हमारी पर्सनल जानकारी जैसे फोन नंबर, फोटो, पासवर्ड, बैंक नोटिफिकेशन और लोकेशन हर रोज़ किसी न किसी सर्वर पर संग्रहीत रहती है। यदि इन जानकारियों को सही तरीके से सुरक्षित न रखा जाए, तो हैकर्स के लिए इनका दुरुपयोग करना बेहद आसान हो जाता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं! नीचे दिए गए 5 असरदार और सीक्रेट स्टेप्स अपनाकर आप अपनी डिजिटल पहचान को लगभग अदृश्य और सुरक्षित बना सकते हैं।
हम अक्सर ऑनलाइन फॉर्म भरते समय अनावश्यक जानकारी दे देते हैं जैसे जन्मतिथि, माता-पिता का नाम या पुराना पता। यही जानकारी हैकर्स के लिए आपकी पहचान जोड़ने की चाबी बन सकती है। हर बार सोचें, क्या यह जानकारी वाकई जरूरी है? अगर नहीं, तो उसे छोड़ दें या N/A लिखें। सोशल मीडिया प्रोफाइल पर सिर्फ जरूरी जानकारी रखें और प्राइवेसी सेटिंग्स को सीमित करें।
“123456” या “password” अब सुरक्षित नहीं हैं। हर अकाउंट के लिए यूनिक, लंबा और जटिल पासवर्ड बनाएं, जिसमें अक्षर, अंक और स्पेशल कैरेक्टर्स का मिश्रण हो। पासवर्ड याद रखने में दिक्कत हो तो पासवर्ड मैनेजर (जैसे LastPass या 1Password) का प्रयोग करें। ये टूल आपके पासवर्ड को सुरक्षित तरीके से स्टोर और ऑटो-फिल करते हैं। साथ ही, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) जरूर ऑन करें यह आपके पहले सुरक्षा दरवाजे के बाद एक और मजबूत किला तैयार करता है।
अगर आप नहीं चाहते कि कोई आपकी फाइलें या मैसेज पढ़ सके, तो उन्हें एन्क्रिप्ट करें। कई क्लाउड सर्विस और चैटिंग ऐप्स अब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करते हैं। अपने सिस्टम में संवेदनशील फाइलों को पासवर्ड-प्रोटेक्टेड ज़िप फाइल या एन्क्रिप्शन सॉफ्टवेयर से सुरक्षित करें। याद रखें, “एन्क्रिप्शन का मतलब है आपका डेटा तब तक बेकार है, जब तक सही चाबी न हो।”
पुराने अकाउंट, अप्रयुक्त ऐप्स और फालतू फाइलें हैकिंग का खतरा बढ़ा सकती हैं। साल में एक बार अपने ईमेल, सोशल मीडिया और क्लाउड स्टोरेज की सफाई करें। अनावश्यक डेटा और डॉक्युमेंट्स को स्थायी रूप से डिलीट करें। किसी भी डिवाइस को बेचने या देने से पहले फैक्ट्री रिसेट करें ताकि आपका डेटा दोबारा रिकवर न हो सके।
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हैकर्स का सबसे बड़ा हथियार है आपकी लापरवाही। संदिग्ध ईमेल, लिंक या अटैचमेंट पर कभी क्लिक न करें। याद रखें, “बैंक या सर्विस प्रोवाइडर कभी ईमेल में पासवर्ड नहीं मांगते।” यदि ऐसा संदेश मिले तो सीधे उनकी आधिकारिक वेबसाइट या कस्टमर केयर से संपर्क करें। अपने ब्राउज़र और ऑपरेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट रखें ये अपडेट सुरक्षा के नए पैच लाते हैं।
डिजिटल युग में सतर्कता ही सुरक्षा है। इन पांच आसान कदमों को अपनाकर आप न सिर्फ अपनी ऑनलाइन पहचान की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि हैकर्स की नज़र से भी अपने डेटा को दूर रख सकते हैं।