नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई: आर्थिक राजधानी मुंबई में कई दशक पुराने व जर्जर रेल ओवर ब्रिज की जगह पर नए केबल स्टे आरओबी बनाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (महारेल) के माध्यम से आइकॉनिक डिजाइन वाले ब्रिज काम तेजी से चल रहा है। इनमें रे रोड केबल स्टे आरओबी का काम फ़ास्ट ट्रैक पर है। हाल ही में इस पहले केबल स्टे ब्रिज का पायलोन का काम किया गया।
101 साल पुराना ब्रिज
एमआरआईडीसी द्वारा भायखला के 101 पुराने आरओबी के बगल में आइकॉनिक डिजाइन वाला नया केबल स्टे ब्रिज बनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मध्य रेल पर 101 साल पुराना आरओबी अंग्रेजों ने 1922 में बनाया था। भायखला आरओबी शहर के सबसे व्यस्त पुलों में से एक है। यह ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और स्टेशन को पूर्व से पश्चिम को जोड़ने के साथ सीएसएमटी और दादर के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करता है। यहां जगह की कमी और भीड़भाड़ को देखते हुए केबल स्टे ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया। यहां एक सदी से अधिक पुराने संत गाडगे महाराज मार्केट के 120 से अधिक फल सब्जी मार्केट की दुकानों को बीएमसी के समन्वय से हटा कर यह ब्रिज बन रहा है। इस ब्रिज के निर्माण पर 287 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
2024 तक होगा पूरा
महारेल अधिकारियों के अनुसार भायखला केबल स्टे ब्रिज को अगस्त-सितम्बर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। महारेल के माध्यम से भायखला, रे रोड, तिलक ब्रिज व घाटकोपर केबल स्टे ब्रिज निर्माणाधीन हैं। इनकी खासियत यह कि बिना यातायात प्रभावित किए इनका कार्य किया जा रहा है.उल्लेखनीय है, कि आमतौर विद्युत,टेलीफोन लाइनें या अन्य उपयागी वायर ब्रिजों पर से गुजरतें हैं, इनसे दुर्घटनाएं भी होती हैं. इससे बचने महारेल क्रैश बैरियर नामक नई प्रणाली का उपयोग इस ब्रिज पर करने वाला है. इससे जरूरत पड़ने पर बिना यातायात को प्रभावित किए निरीक्षण, मरम्मत आदि कार्य हो सकेंगे। इसके लिए ब्रिज पर अत्याधुनिक थ्री लेयर यूटिलिटी डक्ट्स बनाए जा रहे हैं।
रे रोड ब्रिज 70 प्रतिशत पूरा
मुंबई व उपनगरों में ब्रिटिशकाल में बने पुराने व जर्जर रोड ओवर ब्रिज के पुनर्निर्माण का काम बीएमसी ने महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (महारेल) को सौंपा है। बताया गया कि इनमें रे रोड आरओबी का निर्माण लगभग 70 प्रतिशत पूरा हो गया हैं। केबल स्टे ब्रिज की खासियत यह कि यातायात प्रभावित किए बिना इनका कार्य तेजी से चल रहा है। महारेल ने केबल स्टेड आरओबी को सीमित और कम पियर्स के साथ डिजाइन किया है। रात के समय सुरक्षा और दृश्यता सुनिश्चित करने के लिए ब्रिज पर रिमोट नियंत्रित आर्किटेक्चरल एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी। आरओबी की लंबाई-2 डाउन रैंप के साथ 385 मीटर और अनुमानित लागत 145 करोड़ रूपए है।
6 लेन का ब्रिज
पुराने आरोबी के बगल सट कर बनाए जा रहे रे रोड नए केबल स्टेंड आरओबी में पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ के साथ 6 लेन होंगे। पुराने ब्रिज की रि- गर्डनिंग की जाएगी। इससे यहां की यातायात समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। ब्रिज की नींव का सारा काम पूरा हो चुका है। महारेल इस ब्रिज को मई-जून 2024 तक पूरा करने ला लक्ष्य रखा है। हालांकि रे रोड आरओबी के निर्माण में बाधा बन रहे 130 झोपड़ो को हटाया गया परंतु अभी भी 15 दुकानों व व टिकट काउन्टर का स्थानांतरण बाकि है। इनकी जिम्मेदारी मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) और मध्य रेलवे की है।
सेल्फी पॉइंट भी
मुंबई में रेल व सड़क नेटवर्क पर पहली बार, एक अत्याधुनिक डिज़ाइन वाला केबल-स्टे ब्रिज होगा, जहां सेल्फी पॉइंट भी होगा। यह ब्रिज बांद्रा-वर्ली सी लिंक की तर्ज पर बन रहा है। इसके अतिरिक्त, इस ब्रिज पर एलईडी सिग्नेचर थीम लाइटिंग की सुविधा होगी। रात के समय सुरक्षा और दृश्यता सुनिश्चित करने के लिए ब्रिज पर रिमोट नियंत्रित आर्किटेक्चरल एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी।